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RAIPUR. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन का विवाद छ्त्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भी पहुंच गया है, केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित कर दिया है। देशभर में इसके प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है, बावजूद इसके रायपुर के पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 26 जनवरी की रात इस फिल्म की स्क्रीनिंग हुई। इस दौरान छात्रों के एक दूसरे गुट ने विवादित प्रदर्शन का विरोध किया, जिसकी वजह से थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ।
26 जनवरी की रात दिखाई डॉक्यूमेंट्री
जानकारी के अनुसार छात्रों के एक समूह ने 26 जनवरी की रात रायपुर की पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के पॉवरग्रिड हॉस्टल में इसका सार्वजनिक प्रदर्शन किया। विवादित डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन हॉस्टल के कॉमन रूम में किया गया। करीब दो घंटे तक बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री चलाई गई। इस दौरान हॉस्टल में रहने वाले कुछ छात्रों ने इसका विरोध भी किया। उनका कहना था कि इस तरह सरकार की रोक के बाद भी इसे देखना गलत है। इससे छात्रों को भजडकाया जा रहा है जो कि नुकसानदायक हो सकता है। इस दौरान थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ लेकिन फिल्म का प्रदर्शन जारी रहा।
प्रशासन ने चेतावनी दी
विश्वविद्यालय प्रशासन को जब इस विवादित डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की सूचना मिली तो उसके बाद हॉस्टल के कुछ छात्रों को चेतावनी दी गई है। जिसके बाद से हॉस्टल के छात्र इस मामले पर किसी भी तरह की बातचीत करने से बचते नजर आ रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इस पर चुप्पी साध रखी है।
क्या है डॉक्यूमेंट्री में?
इंडिया: द मोदी क्वेश्चन में गुजरात दंगों में तत्कालीन गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात में मोदी के शासन को मुसलमानों और लोकतंत्र के लिए खतरा दर्शाया गया। ब्रिटेन में रह रहे भारतीय समुदाय ने भी इस पर सवाल किए। भारतीय समुदाय ने बीबीसी की एक अन्य डॉक्यूमेंट्री को लेकर कहा कि आईएसआईएस की आतंकी की पत्नी के साथ बीबीसी की सहानुभूति है, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुने हुए प्रधानमंत्री की इमेज खराब की जा रही है।
क्या हुआ था गुजरात में?
गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी 2002 को कारसेवकों से भरी ट्रेन की एक बोगी एस-6 में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हुई थी। इसका आरोप स्थानीय मुस्लिम संगठनों पर लगा था और 1500 लोगों पर एफआईआर की गई थी। इसके बाद 28 फरवरी को पूरे गुजरात में भीषण दंगा शुरू हो गया था।