Raipur। कभी रमन सरकार और फिर भूपेश सरकार के खासमखास माने गए पर हालिया दिनाें अपने दुर्दिनाें में मौजुद गुरिंदर पाल सिंह याने निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की जमानत याचिका पर सूनवाई आज हाईकोर्ट में होनी है। 1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह जबकि जेल भेजे गए तब तक वे छत्तीसगढ़ में एडीजी हो चुके थे। डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल वाली भाजपा सरकार के समय और फिर भूपेश बघेल के मुख्यमंत्रित्व काल वाली इस कांग्रेस सरकार के शुरूआती करीब डेढ बरस तक जीपी सिंह की तूती बोलती रही। जीपी सिंह इस कदर प्रभावशाली माने गए कि, कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावशाली स्थानांतरणों और प्रशासनिक निर्णयाें में खासकर पुलिस विभाग में उनकी अहम भूमिका होने की चर्चाएं रहीं।
विवादों में रहे पर बचते रहे जीपी
जीपी सिंह अक्सर कर अप्रिय कारणाें से विवादों में रहे हैं,इनमें जगदलपुर में पदस्थापना के दौरान ग्रामीणाें को नक्सली के रूप में सरेंडर बताना,फर्जी मुठभेड़,बस्तर एसपी रहते हुए तत्कालीन आईजी एम डब्लू अंसारी के निवास पर छापा,बिलासपुर आईजी रहते हुए एसपी राहुल शर्मा की खुदकुशी मामले खासे चर्चित रहे हैं। लेकिन यह जीपी सिंह का प्रभाव रहा कि, वे हमेशा बचते चले गए। भूपेश सरकार के समय भी जीपी सिंह के जलवे कायम रहे,बल्कि तब वे और प्रभावशाली हुए,उन्हे भूपेश बघेल सरकार ने आर्थिक अपराध शाखा का चीफ बना दिया। लेकिन जनवरी 2021 के बाद जीपी सिंह के दुर्दिन शुरू हो गए।
आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में है जीपी सिंह
निलंबित एडीजी जी पी सिंह बीते 119 दिनाें से केंद्रीय कारागार की स्पेशल सेल में अपनी जमानत की राह जोह रहे हैं। जीपी सिंह के खिलाफ राजद्राेह एक्सट्रॉशन और आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज हुए। जिनमें से राजद्रोह और एक्सट्रॉशन के मामले में तो उन्हे कोर्ट से स्थगन के रूप में राहत मिली लेकिन आय से अधिक संपत्ति में उन्हे कोई राहत नही मिली। जिस छत्तीसगढ़ पुलिस पर कभी जीपी सिंह की धमक चलती थी,उसी छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया।
कल हाईकोर्ट करेगी सुनवाई
जीपी सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई आज करीब ढाई बजे हाईकोर्ट में सुनवाई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशुतोष पांडेय इस मामले में बहस करेंगे। इस मामले में जो तथ्य अदालत को बताकर जमानत मांगी जाएगी,वह यह है कि, आय से अधिक संपत्ति में चालान पेश हो चुका है, लेकिन अभियाेजन की स्वीकृति अब तक केंद्र सरकार से प्राप्त नही हुई है, जिससे अदालत में विचारण शुरू नही हो पा रहा है। याचिकाकर्ता को 120 दिन जेल में हो चुके हैं, और इस स्थिति में उसे जमानत का लाभ मिलना चाहिए। याचिका में ही वह बात फिर से उल्लेखित है जो कि, जीपी सिंह पहले भी लिखित में कह चुके हैं, और वह बात यह है कि, उन्होने सरकार पर साजिश रच कर फंसाने का आरोप लगाया है, जीपी सिंह की याचिका में उल्लेखित है कि, उनपर एसीबी का चीफ रहते हुए दबाव डाला जा रहा था कि, वे बहुचर्चित नान मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को अभियुक्त बनाएं और अभी जो आरोपी है उनके विरूद्व गवाहों को गवाही नही देने हेतु प्रभावित करें।
अब यह कुछ ही घंटों मे स्पष्ट हो जाएगा कि, जीपी सिंह को बेल मिलती है या उनका हाल मुकाम केंद्रीय कारागार रायपुर बना रहता है।