शिवम दुबे, BALODA BAZAR. स्कूल को मंदिर और शिक्षक को भगवान कहा जाता है। लेकिन जिस स्कूल का शिक्षक ही ऐसा हो वहा के बच्चों के भविष्य का क्या होगा? यह मामला है छत्तीसगढ़ के बालोदाबाजार का है जहां देवरुंग स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक का अनोखा कारनामा सामने आया है। प्रधान पाठक पिछले 7 माह से कभी-कभी ही स्कूल आते हैं और अपने जगह पर एक किराए में शिक्षिका रखी हैं। जिसे हर माह बकायदा वेतन भी देते हैं। इसको लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। फिलहाल मामले में प्रधान पाठक को सस्पेंड कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही
यह पूरा मामला कसडोल विकासखंड के वनांचल क्षेत्र में स्थित आदर्श प्राथमिक शाला देवरुंग का है। जहां प्रधान पाठक समीर कुमार मिश्रा पदस्थ हैं। प्रधान पाठक पिछले 7 माह से कभी-कभी ही स्कूल आते हैं और अपने स्थान पर एक किराए में शिक्षिका रखी है, जो बच्चों को पढ़ाती है। गौर करने वाली बात यह है कि पिछले सात महीनों में कोई भी स्कूल का निरीक्षण करने नहीं पहुंचा। जिसे शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही माना जा रहा है।
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वीडियो वायरल होने का बाद हुई कार्रवाई
इस पूरे मामले में कलेक्टर रजत बंसल ने संज्ञान लिया। शिकायतों और जांच के आधार पर कसडोल विकासखण्ड के ग्राम देवरूंग के प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी समीर कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव ने आदेश जारी किया है।
क्या है पूरा मामला?
समीर मिश्रा विगत 7 माह से कभी-कभी स्कूल आने और अपने स्थान पर किराए की एक शिक्षिका रखकर स्कूल में बच्चों को पढ़वाते रहे। शिकायत के बाद में अध्ययनरत छात्रों से बात की गई। जिसमे पता चला कि समीर मिश्रा के खिलाफ शिकायत सही है। समीर मिश्रा की जगह जो शिक्षिका पढ़ा रही थी उन्होंने बताया कि समीर कुमार मिश्रा द्वारा उन्हे महीने में 6 हजार रुपये देने की बात कहकर स्कूल में पढ़ाने रखा गया है और 4 हजार रुपए वेतन दे रहे हैं।