Ambikapu में लंपी वायरस की Knock से हड़कंप मचा हुआ है। जिले के two cattle में लंपी के Symptoms दिखे हैं। CG NEWS
thesootr
होम / छत्तीसगढ़ / अंबिकापुर में 2 मवेशियों में दिखे लंपी व...

अंबिकापुर में 2 मवेशियों में दिखे लंपी वायरस के लक्षण, दोनों को किया आइसोलेट, जिले में मचा हड़कंप

The Sootr CG
28,अक्तूबर 2022, (अपडेटेड 28,अक्तूबर 2022 06:44 PM IST)
अंबिकापुर में 2 पशुओं में दिखे लंपी वायरस के लक्षण
अंबिकापुर में 2 पशुओं में दिखे लंपी वायरस के लक्षण

AMBIKAPUR. मवेशियों में लंपी वायरस को लेकर कुछ दिन पहले पूरे देश में कुछ ज्यादा ही हड़कंप मचा हुआ था। बाद में छत्तीसगढ़ में भी इसने दस्तक दी। अब जब कहीं से ज्यादा मामले सुनाई नहीं दे रहे हैं तो उत्तरी छत्तीसगढ़ में एक नहीं बल्कि 2 नए मामले सामने आ गए हैं। अंबिकापुर शहर के पशुपालकों के ये दो मवेशी कुछ दिनों से बीमार थे। इसी बीच उनकी त्वचा पर गांठें दिखने लगीं। पशु चिकित्सकों ने देखा तो स्पष्ट हो गया कि ये लंपी वायरस के लक्षण हैं। इसके साथ ही दोनों मवेशियों को आइसोलेट कर दिया गया है। साथ ही पूरे सरगुजा जिले में पशुओं का टीकाकरण शुरू कर दिया गया है।

दोनों पशुओं को किया आइसोलेट


अंबिकापुर शहर के नमनाकला मोहल्ले में 2 मवेशियों में लंपी के लक्षण मिले हैं। इनका स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से खराब था। अचानक उनके मालिक ने देखा कि उनके शरीर में बड़े-बड़े गांठ उभर आए हैं। लिहाजा लंपी बीमारी के प्रारंभिक लक्षण को देखते हुए उन्होंने तत्काल पशुपालन विभाग को जानकारी दी। पशुपालन विभाग की ओर से दोनों मवेशियों को पशुपालक के घर पर ही आइसोलेट कर टीका लगा दिया गया। वहीं इन मवेशियों के साथ रहने वाले दूसरे मवेशियों और आस-पास के मवेशी मालिकों के घर जाकर अन्य मवेशियों का भी टीकाकरण किया गया ।

दोनों मवेशियों के सैंपल जांच के लिए भेजे

जिन दो मवेशियों में लंपी बीमारी के लक्षण मिले हैं, उनके खून का सैंपल लेकर जांच के लिए हाई सिक्योरिटी लैब भोपाल भेजा है, जिससे वायरस की पुष्टि हो सके। अब तक पूरे संभाग में एक भी मवेशी में लंपी बीमारी से पीड़ित होने की पुष्टि नहीं हुई है। बीते दिनों सीतापुर में ही एक मवेशी में इसके लक्षण मिले थे, लेकिन जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई। जानकारी के लिए बता दें कि पशुपालन विभाग की ओर से लंपी वायरस से बचाव के लिए मवेशियों को गोट पाक्स का टीका लगाया जा रहा है। इसके तहत बकरियों में इसे एक एमएल तो मवेशियों को तीन एमएल लगाया जा रहा है। वहीं पशु चिकित्सकों का कहना है कि जब तक लैब से रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक लंपी वायरस की पुष्टि नहीं की जा सकती है। 

इस बीमारी की चपेट में हैं पहले से पशु

इन दिनों जिले समेत संभाग के मवेशियों में पहले से ही खुरहा और चपका बीमारियों का प्रकोप शुरू हो गया था। इस पर रोक लगाने के लिए उन्हें इनके बचाव के लिए टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए बकायदा अभियान चलाया जा रहा है। वहीं अब लंपी के लक्षण मिलने के बाद इसका भी टीकाकरण शुरू कर दिया गया है।

thesootr
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
Like & Follow Our Social Media
thesootr