याज्ञवल्क्य मिश्रा, Surguja. हसदेव अरण्य को बचाने की लड़ाई लड़ रहे आदिवासियों को किसान नेता राकेश टिकैत का मज़बूत साथ मिल गया है। राकेश टिकैत ने आंदोलन और आंदोलनकारियों का समर्थन किया और स्पष्ट किया है कि, आंदोलन और तेज होगा। किसान नेता टिकैत एक हफ़्ते के दौरे पर छत्तीसगढ़ में हैं। उनके दौरे की शुरुआत उत्तर छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य से हुई है, वे दक्षिण छत्तीसगढ़ के सिलगेर भी पहुंचेंगे।
फ़्लाइट की वजह से लेट पहुंचे मगर घंटों साथ रहे टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत हरिहरपुर में आंदोलन कर रहे आदिवासियों के साथ पंडाल पर जाकर बैठे और आंदोलन कर रहे लोगों से विस्तार से चर्चा की। राकेश टिकैत ने सभा को भी संबोधित किया। राकेश टिकैत ने आंदोलन को पुरजोर तरीके से समर्थन देने का एलान किया है। राकेश टिकैत ने आंदोलन स्थल पर कहा-
इस जंगल को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, हम इन्हीं के साथ हैं। पूरी तरह से इनके साथ हैं। एक पेड़ कट जाता है तो पुलिस पर्चा (FIR) काट देती है यहां पूरा जंगल उजाड़ा जा रहा है। जंगल उजड़ा तो ये लोग कहाँ जाएंगे ?
यह खबर भी पढ़ें
तंत्र पर भड़के किसान नेता टिकैत-
आंदोलन स्थल पर आंदोलनकारियों से चर्चा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकारी तंत्र और व्यवस्था पर नाराज़गी जताई।
NGT पर राकेश टिकैत ने कहा-
NGT क्या कर रही है, दस साल पहले का ट्रैक्टर बंद करा दे रहे हैं और यहां पे जंगलों को काटा जा रहा है। पशु-पक्षी कहां जाएंगे, जंगल छोड़ कर आदमी कहां जाएगा।
कोयला को लेकर टिकैत ने कहा-
कोयला लाना है, कोल माइन करना है, पूरी दुनिया में कहीं भी करो।अफ्रिका से कोयला ले आओ, पर जंगल क्यों उजड़ेगा
किसान नेता टिकैत ने दिए साफ संकेत-
आने वाले समय में आंदोलन के तेवर में और तेजी आ सकती है। आदिवासी बहुत ही मजबूत आंदोलन करता है।अभी तो यहां लाठीचार्ज नहीं हुआ एक आंसू का गोला नहीं आया, सरकार क्या सोच रही है, आदिवासी इन चीजों से भी नहीं हटेगा।इन आदिवासियों के मसले पर बातचीत करेंगे, और आंदोलन तो चल ही रहा है, आंदोलन की जरुरत पड़ी तो और आंदोलन चलेगा। कोल माईंस जो चल रही है उसको चलाएं नई ना खोलें। नई खदानें यहां होंगी नहीं, और ना यहां पेड़ कटने देंगे।