KANKER. बस्तर की भानुप्रतापपुर विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया के बयान को वजह बताते हुए सर्व आदिवासी समाज ने भानुप्रतापपुर चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने की बात कही है। खास बात यह है कि सर्व आदिवासी समाज ने यहां अपने समाज से प्रत्याशी खड़े करने की बात कही है।
कांग्रेस की चुनावी मुश्किल बढ़ा दी
दरअसल, एक तरह से इसे समाज की तरफ से किए जाने वाले प्रयोग की तरह भी देखा जा रहा है, जिसमें बार-बार दोनों प्रमुख दलों से अलग आदिवासी समाज से प्रत्याशी को विधानसभा भेजने की कोशिश की जा रही है, हालांकि यह कोशिश कितना रंग लाएगी यह देखना बाकी होगा। फिलहाल तो सर्व आदिवासी समाज के बयान ने कांग्रेस की चुनावी मुश्किल बढ़ा दी है।
सर्व आदिवासी समाज चाहे तो अपना प्रत्याशी खड़ा कर ले- लखमा
बता दें कि छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया ने अपने बयान में उन्होंने सर्व आदिवासी समाज के विरोध को लेकर कहा था कि चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का साथ नहीं दिया था। सर्व आदिवासी समाज के रुख पर कांग्रेस भी संभल कर चल रही है। इस मामले में बस्तर के मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि सर्व आदिवासी समाज चाहे तो अपना प्रत्याशी खड़ा कर ले, पर मुकाबला आदिवासियों के बीच ही होगा। उन्होंने इसके साथ ही आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा। जाहिर है कांग्रेस जानती है कि आदिवासी समाज मूल रूप से आरक्षण के मुद्दे पर चुनाव में प्रभावित हो सकता है।
सर्व आदिवासी समाज अपना प्रत्याशी खड़ा करने की तैयारी में
बता दें कि आरक्षण के मुद्दे पर नाराज हुआ सर्व आदिवासी समाज अब अपना प्रत्याशी खड़ा करने की तैयारी में है, अगर ऐसा होता है तो भाजपा और कांग्रेस के अलावा भानुप्रतापुर उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। हालाकि कांग्रेस सरकार उनकी नाराजगी दूर करने के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर आरक्षण को लेकर विधेयक लाने की तैयारी में जुटी है।