AMBIKAPUR. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाली पंडो जनजाति की एक महिला की जान पर बन आई है और अब वह अंबिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। दरअसल, उसे सड़क दुर्घटना में घायल होने पर बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया था। यहां नर्सिंग स्टाफ ने उसे एक्सपायर हो चुकी दवा दे दी। इसके उसकी हालत गंभीर हो गई। तब उसे मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर किया गया।
दुर्घटना में घायल महिला को कालातीत हो चुकी दवा दी गई
आपको बता दें कि वाड्रफनगर क्षेत्र के गांव में रहने वाली रमबसिया पिता रामजतन पंडो बीते 30 जनवरी को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे लोगों ने तत्काल वाड्रफनगर स्थित शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया। नर्सिंग स्टाफ ने इलाज शुरू किया और फिर उसे कुछ जरूरी दवाएं देने के साथ ही इंजेक्शन भी लगाया गया। इसी बीच उसे कालातीत हो चुकी दवा की डोज दे दी गई। यह गंभीर मामला है, क्योंकि एक्सपायरी डेट निकल जाने के बाद दवाएं असर करने के बजाय साइड इफेक्ट करते हैं। रमबसिया पंडो के साथ भी वही हुआ और ठीक होने के बजाय उसकी हालत और गंभीर होने लगी।
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महिला की हालत देखने के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर कर दिया
उसकी ये हालत देखकर नर्सिंग स्टाफ ने डॉक्टरों को जानकारी दी। फिर डॉक्टरों ने जांच की तब पता चला कि महिला को एक्सपायर्ड दवा दी गई है। उन्होंने महिला की हालत को देखते हुए तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर कर दिया। साथ ही यहां के डॉक्टरों को जानकारी दी गई कि उसे एक्सपायर्ड दवा दी गई थी, ताकि वहां उसी के अनुरूप महिला का इलाज किया जा सके। तभी ये मामला सामने आया। अब महिला एक ओर जहां हादसे में आई चोट से जूझने के साथ ही दवा के गलत असर से भी जूझ रही है। इससे उसकी हालत और गंभीर हो गई है। हालांकि इन सबके बाद भी अभी वाड्रफनगर स्वास्थ्य केंद्र के दोषी नर्सिंग स्टाफ की खोज खबर नहीं ली गई है।
नोटिस दिया जाएगा
जब इस बारे में वाड्रफनगर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशांक गुप्ता से जानकारी ली गई तब उन्होंने कहा कि इस दौरान जो भी ड्यूटी में रहा होगा इसकी जानकारी ली जाएगी। साथ ही नोटिस जारी कर इसका कारण पूछा जाएगा। फिर उचित कार्रवाई की जाएगी।