ओमिक्रॉन वैरिएंट: समझिए डेल्टा से ज्यादा घातक कैसे है ?, क्या है इसके लक्षण और बचाव

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ओमिक्रॉन वैरिएंट: समझिए डेल्टा से ज्यादा घातक कैसे है ?, क्या है इसके लक्षण और बचाव

भोपाल. कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) की एंट्री अब भारत में भी हो गई है। कर्नाटक में इस वैरिएंट के दो नए केस सामने आ चुके हैं और इसके साथ ही देश के लोगों में एक बार फिर इस वायरस को लेकर डर दिखना शुरू हो गया है। एक्सपर्ट्स द्वारा यह कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस का यह वैरिएंट डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक है। आइए आपको बताते हैं कि कैसे यह वायरस डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है।

वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में ये वैरिएंट

विश्व स्वाथ्य संगठन यानी WHO ने कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (Variant of concern) की कैटेगरी में रखा गया है। इस कैटेगरी में उस वायरस को रखा जाता है, जो ज्यादा तेजी से फैलता है और जो ज्यादा घातक होता है। आम भाषा में कहें तो कोरोना का यह वैरिएंट डेल्टा (Corona Delta Variant) से भी ज्यादा तेजी से फैलता है। 

पहले ही 30 बार म्यूटेट हो चुका है ओमिक्रॉन

अब आपको बताते हैं कि ओमिक्रॉन को डेल्टा से ज्यादा घातक क्यों कहा जा रहा है। दरअसल, इस वैरिएंट में अभी तक पूरे 50 बार म्यूटेशन (Omicron mutation) हो चुका है। डराने वाली बात तो यह है कि 30 म्यूटेशन तो उसके स्पाइक प्रोटीन (spike protein) में हुए हैं और इस स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही कोरोना वायरस इंसानी शरीर में प्रवेश के रास्ते खोलता है। इसकी तुलना में डेल्टा के स्पाइक प्रोटीन में 18 म्यूटेशन हुए थे। 

ओमिक्रॉन की R वैल्यू भी ज्यादा

आमतौर पर किसी भी वायरस की आर वैल्यू यानी वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में कितनी तेजी से फैलता है, उसे R वैल्यू कहा जाता है। डेल्टा वैरिएंट की R वैल्यू 6-7 थी। इसका मतलब ये है कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति इस वायरस को 6-7 व्यक्तियों में फैला सकता है। वहीं, ओमिक्रॉन की R वैल्यू डेल्टा से करीब छह गुना अधिक मानी जा रही है। जिसका मतलब है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित अकेला मरीज ही इस वायरस को 35-45 लोगों में फैला सकता है। 

क्या वैक्सीन भी रहेगी बेअसर?

ओमिक्रॉन डेल्टा से भी ज्यादा घातक बताया जा रहा है। चूंकि इस वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक बार म्यूटेशन हो चुका है। इस वजह से मौजूदा वैक्सीनों के बहुत कम प्रभावी रहने या एकदम ही बेअसर रहने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि ओमिक्रॉन पर मौजूदा वैक्सीन की एफिकेसी के आकलन को लेकर अभी कोई रिसर्च जारी नहीं हुई है। 

कैसे करें ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान

ओमिक्रॉन (omicron variant Symptoms) के लक्षण डेल्टा से कुछ अलग हो सकते हैं। इसके लक्षणों को लेकर WHO का कहना है कि फिलहाल इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ओमिक्रोन के लक्षण कोरोना के पहले के वैरिएंट से अलग हैं। मतलब स्वाद और गंध जाने को छोड़कर डेल्टा और ओमिक्रॉन के प्रमुख लक्षण: जैसे-गले में खराश, बुखार, थकान और सिरदर्द, एक जैसे ही हैं। 

यह सावधानियां रखें

सरकार ने भले ही देश में कोरोना केसेस कम होने पर कोरोना गाइडलाइन्स के पालन में ढिलाई दे दी हो। लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनिटाइजेशन को रेगुलर अपनी आदत में शुमार कर हम इस नए वैरिएंट से भी बच सकते हैं। साथ ही यदि आपने अभी तक अपना या अपने परिजनों का वैक्सीनेशन नहीं करवाया है तो जल्द ही करवा लें। क्योंकि वैक्सीन का डोज ना लेकर आप बड़ा खतरा मोल ले रहे हैं।

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