कोरोना को भगाएंगे: जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को मंजूरी, सिंगल डोज लगेगा

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कोरोना को भगाएंगे: जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को मंजूरी, सिंगल डोज लगेगा

नई दिल्ली. भारत ने अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की खास बात यह है कि इसकी सिंगल डोज ही लगेगी। यह भारत को मिलने वाली दूसरी विदेशी वैक्सीन है। इससे पहले रूस की स्पुतनिक-V के इस्तेमाल को अनुमति मिली थी। स्पुतनिक को भारत की डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज बना रही है।

भारत में अब 4 वैक्सीन

भारत के लिए अब 4 वैक्सीन हो गई हैं। पहली भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन है। पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड बना रहा है। डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज रूस की स्पुतनिक-V बना रही है। अब अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन भी आ गई है। 

जॉनसन वैक्सीन को फ्रीज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी

जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन कई चीजों में खास है। उसे अस्पताल भेजे जाने तक फ्रीजर में रखने की जरूरत नहीं है। जॉनसन एंड जॉनसन ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, जिसका दूसरे बीमारियों से लड़ने में रिकॉर्ड अच्छा है।  

जॉनसन की वैक्सीन में ये खास

जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोनावायरस से जीन लेकर ह्यूमन सेल तक पहुंचाने के लिए एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया है। इसके बाद सेल कोरोनावायरस प्रोटीन्स बनाता है, न कि कोरोनावायरस। यही प्रोटीन बाद में वायरस से लड़ने में इम्यून सिस्टम की मदद करते हैं। एडीनोवायरस का काम वैक्सीन को ठंडा रखना होता है, इसे फ्रीज करने की जरूरत नहीं होती। 

अमेरिका के दो बड़े वैक्सीन प्लेयर ये भी

इस समय अमेरिका के वैक्सीन के दो बड़े उम्मीदवार मॉडर्ना और फाइजर mRNA जेनेटिक मटीरियल पर डिपेंड हैं। इन कंपनियों की वैक्सीन को फ्रीज में रखने की जरूरत पड़ती है, जिसके कारण इनका डिस्ट्रीब्यूशन और मुश्किल होगा। खासतौर से उन जगहों पर, जहां अच्छी मेडिकल सुविधाएं नहीं हैं।

The Sootr corona vaccine US Johnson and Johnson Emergency Use India approval