भोपाल. कोरोना महामारी के खिलाफ अब वैक्सीन के बाद बूस्टर डोज (Covid Booster Dose) का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। 35 से ज्यादा देशों में लोगों को वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जा रहा है। जल्द ही भारत सरकार बूस्टर डोज को लेकर गाइडलाइन (Booster dose guideline) जारी कर सकती है। दरअसल, बूस्टर डोज वैक्सीन (Vaccine) ही होती है लेकिन इसमें इंसान को रोगों से बचाने की दर ज्यादा होती है। बूस्टर डोज उन लोगों के लिए ज्यादा बेहतर हैं जिनमें रोगों से लड़ने की क्षमता कम है।
कब दिया जाएगा बूस्टर डोज
AIIMS के चीफ डॉ रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) का कहना है की जब पूरी आबादी वैक्सीनेटेड हो जाएगी यानी सभी को वैक्सीन के दोनों डोज लग जाएंगे। उसके बाद ही बूस्टर डोज दिया जाएगा। बूस्टर डोज देने में पहली प्राथमिकता 70 से ज्यादा उम्र के लोगों को दी जाएगी। जिस वैक्सीन की पहले दो खुराकें दी गई है उसी वैक्सीन का बूस्टर डोज आपको लगाया जाएगा।
आखिर कैसे पता चलेगा की हमको बूस्टर डोज की जरूरत है
अमेरिका (America) के महामारी विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची की राय है कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी। वैक्सीन से बहुत लंबे समय तक सुरक्षा नहीं मिलने वाली है।
बूस्टर डोज कितना प्रभावी
वैक्सीन 6 महीने या फिर एक साल तक ही प्रभावी रहेगी ऐसे में बूस्टर डोज लगाए जाने के बाद यह वैक्सीन की क्षमता को और बढ़ा सकती है। नए क्लीनिकल ऑब्जर्बेशन के अनुसार, तीसरा बूस्टर डोज वैक्सीन की इम्यूनिटी और इसकी Efficiency Rate को और बढ़ा देता है। बूस्टर डोज के बाद वायरस के वैरिएंट्स भी शरीर पर हावी नहीं हो सकेंगे। संक्रमण के बाद एंटीबॉडी कुछ सप्ताह तक रहती हैं। बूस्टर डोज लगने के बाद यह कई साल तक वायरस से बचाव कर सकती है।
क्या बूस्टर डोज के साइड इफेक्ट्स हैं
दुनियाभर के 35 से भी ज्यादा देश अपने नागरिकों को बूस्टर डोज दे रहे हैं। इनमें अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन, चिली, फ्रांस जैसे देश शामिल हैं। इजराइल ने सबसे पहले अपने नागरिकों को बूस्टर डोज देना शुरू किया। अलग-अलग देशों में कोमॉर्बिडिटी और अलग-अलग फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए लोगों को कोरोना वैक्सीन का तीसरा डोज दिया जा रहा है।
जिन देशों में लोगों को बूस्टर डोज दिए जा रहे हैं वहां अभी तक किसी भी तरह के कोई साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं। जिस तरह पहले और दूसरे डोज के बाद हल्का बुखार, सिर और हाथ-पैर दर्द होता है उसी तरह बूस्टर डोज के बाद भी इस तरह के सामान्य लक्षण देखे गए हैं। अब भारत में कबसे बूस्टर डोज लगेगा और इसे लेकर क्या प्रोसेस (Booster Dose Process) रहेगी यह गाइडलाइन आने के बाद ही साफ होगा।