Indore. एक तरफ तो शहरवासी कोरोना टीका लगवाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते हजारों टीके खराब होने की कगार पर पहुंच गए हैं। टीकाकरण की वर्तमान गति जारी रही तो जिला स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूद टीके की एक लाख 10 हजार खुराक में से ज्यादातर अगले दो महीने में बर्बाद हो जाएंगी। अगले दो महीने में इन टीकों की एक्सपायरी तारीख आ जाएगी।
हजारों लोगों ने नहीं लगवाए दोनों डोज
इंदौर में अब भी हजारों की संख्या में लोग हैं जिन्होंने कोरोना के दोनों टीके अब तक नहीं लगवाए हैं। वर्तमान में जिले में कुछ सौ टीके ही रोजाना लगाए जा रहे हैं। हालांकि निर्वाचन में लगे कर्मचारियों के लिए कोरोना के टीके लगवाना अनिवार्य करने के बाद इस संख्या में हल्की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन फिर भी यह बहुत ज्यादा नहीं है। इधर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया कि आने वाले दो महीने में वे शहर में टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देकर टीके खराब होने से बचा लेंगे। स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के अनुसार, कोविशील्ड की 4650 खुराक 29 जून तक समाप्त हो जाएगी जबकि 38 हजार से अधिक खुराक जुलाई माह के अंत तक खराब हो जाएगी। इसी तरह एक लाख 10 हजार 800 टीकों की एक्सपायरी तारीख 6 अगस्त है।
मामले में जिम्मेदारों का बयान
जिम्मेदारों ने बताया कि हमारे पास वर्तमान में पौने दो लाख के लगभग टीके स्टाक में हैं। इनमें से 60 हजार कोवैक्सिन हैं जबकि शेष कोविशील्ड हैं। यह सही है कि कुछ टीकों की समाप्ति तारीख करीब है लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि एक्सपायरी तारीख से पहले इन टीकों का इस्तेमाल कर लिया जाएगा। 29 जून को समाप्त होने वाली 4650 खुराक उसके पहले ही इस्तेमाल कर ली जाएगी क्योंकि हम रोजाना एक हजार से ज्यादा टीके लगा रहे हैं। डा.गुप्ता ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सतर्कता डोज लगाने के उद्देश्य से विभाग 'घर-घर दस्तक' अभियान भी चलाया जा रहा है।