कोरोना की दूसरी लहर झेल चुके भारत पर अब तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। वैज्ञानिक पहले से ही सितंबर-अक्टूबर में तीसरी लहर के दस्तक देने की चेतावनी दे रहे हैं वहीं अब बढ़ती R वैल्यू ने भी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने R-वैल्यू के बढ़ने को खतरे की घंटी बताया है।
क्या है ये R-वैल्यू ?
AIIMS के निदेशक, रणदीप गुलेरिया का कहना है कि R वैल्यू का मतलब यह है कि एक संक्रमित व्यक्ति आगेऔर कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। R वैल्यू के बढ़ने का सीधा मतलब यही है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण दूसरों में फैलने की दर बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि R-वैल्यू का .96 से शुरू होकर 1 तक जाना चिंता का कारण है।
ट्रिपल-टी फार्मूला अपनाना होगा
R वैल्यू की बढ़ती रफ्तार को रोकने के लिए एक्सपर्ट्स टेस्ट, ट्रीट और ट्रैक फार्मूला अपनाने की सलाह दे रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे सभी जिले और राज्य जहां पर पाजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है वहां सख्त पाबंदियां लगाने और कोरोना नियमों का पालन करने के लिए आदेश दिए हैं।
इन 10 राज्यों ने बढ़ाई चिंता
देश में कोरोना पर सबसे पहले काबू पाने वाले केरल में संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैलना शुरू हो गया है। केरल के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिजोरम, मणिपुर और मेघालय में भी कोरोना के केस एक बार फिर बढ़ने शुरू हो गए हैं ।
लॉकडाउन से ही रुकेगी रफ्तार
गुलेरिया का कहना है कि अगर R वैल्यू इसी तरह बढ़ती रही और 1.0 के करीब पहुंचती है तो फिर लॉकडाउन ही एक मात्र उपाय बचेगा। लॉकडाउन लगाकर ही सरकार संक्रमण को काबू में ला सकती हैं। मई में भी R-वैल्यू कम होने की बड़ी वजह लॉकडाउन ही थी। इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार तेजी से थमने लगी थी।