नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में जानकारी पेश की है। इसके मुताबिक अब कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के डेथ सर्टिफिकेट (Corona Death Certificate) पर इसे मौत के कारण के तौर पर दर्ज किया जाएगा। सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय (Health ministry) और आईसीएमआर (ICMR) ने कोविड डेथ सर्टिफिकेट को लेकर गाइडलाइन जारी कर दीं हैं। इसके मुताबिक अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 30 दिन के भीतर किसी की मौत होती है तो उसे कोविड डेथ (Covid Death) माना जाएगा।
केंद्र सरकार के दिशा निर्देश
गाइडलाइन में बताया गया कि अगर RT-PCR या मोलेक्यूलर टेस्ट या RAT या अस्पताल में हुई किसी जांच में मरीज को कोरोना की पुष्टि हुई है तो उसकी मौत होने पर डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना से मौत लिखना जरूरी होगा। घर या अस्पताल, दोनों जगह हुई मौत के लिए ये डेथ सर्टिफिकेट जारी होंगे। लेकिन अगर किसी की मौत आत्महत्या या दुर्घटना में होती है। अगर वह व्यक्ति भले ही कोरोना पॉजिटिव हो। उसके डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोरोना नहीं लिखी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मामले में सख्ती दिखाए जाने के 10 दिन बाद सरकार ने यह गाइडलाइन जारी की हैं। इसको लेकर राज्य सरकारों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है।
25 दिन के अंदर 95% मौतें
सुप्रीम कोर्ट में ICMR की रिसर्च का एक हलफनामा सौंपा गया है। जिसके मुताबिक किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने के 25 दिनों के अंदर 95% मौतें हो जाती हैं। नियमों में बदलाव करते हुए अब कोरोना टेस्ट की तारीख या कोरोना संक्रमित पाए जाने के दिन से 30 दिन के अंदर होने वाली मौतों को कोरोना संबंधित मौत माना जाएगा। जिन लोगों को अपने परिवार में हुई किसी मौत के लिए जारी डेथ-सर्टिफिकेट पर आपत्ति हो, वह जिलाधिकारी (DM) को आवेदन दे सकते हैं।