नई दिल्ली. आइसीएमआर (ICMR) ने कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) ट्रैकर के डेटा से पता लगाया कि कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज संक्रमण को गंभीर होने से रोकता है। साथ ही मृत्यु दर को रोकने में भी प्रभावशाली है। इससे संक्रमण (Infection) के घातक होने या मृत्यु की आंशका 96 फीसदी तक कम हो जाती है। वहीं दोनों डोज लगवाने से मृत्यु का खतरा 97 फीसदी तक कम हो जाता है। आइसीएमआर ने यह डेटा इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच की गई रिसर्च (Vaccine Research data) के आधार पर जारी किया है।
दोनों वैक्सीन हर आयु वर्ग में प्रभावी
कोरोना (Corona) का टीका कितना प्रभावी है इसे पता करने के लिए आइसीएमआर ने कोविड वैक्सीन ट्रैकर तैयार किया है जिसे वैक्सीन के प्रभाव और उसके असर का पता चल सके। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 18 अप्रैल से 15 अगस्त के बीच डेटा के अध्ययन करने पर पाया गया कि देश में दी जा रही दोनों कोविड वैक्सीन संक्रमण से बचाव और मृत्यु दर रोकने में काफी कारगर है। आइसीएमआर के कोविड वैक्सीन ट्रैकर के एनालिसिस के मुताबिक एक डोज मृत्यु दर को रोकने में 96.6% प्रभावशाली है। जबकि वैक्सीन की दोनों डोज मृत्यु दर को रोकने में 97.5% प्रभावशाली है। दोनों वैक्सीन हर आयुवर्ग में प्रभावी पाई गई है।
रोजाना 78 लाख लोगों को वैक्सीन का डोज
कोरोना के दोनों टीके संक्रमण से बचाव में कारगर हैं। संक्रमण हो भी जाएं तो उतना गंभीर नहीं हो रहा है वहीं इसे मृत्यु दर में भी कमी आई है और ये उसे कम करने में भी प्रभावी है। देश में अब तक 72 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज (Vaccination) दी जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health ministry) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 18 साल से ज्यादा आयुवर्ग के 58 फीसदी लोगों को पहली डोज और 18 फीसदी लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी है। वहीं 99 फीसदी हेल्थकेयर वर्करों को पहली डोज और 84 फीसदी को दूसरी डोज दी जा चुकी है। इसी तरह 100 फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर को पहली डोज और 80 फीसदी को दूसरी डोज दी जा चुकी है। सिंतबर के महीने हर दिन औसतन 78 लाख 10 हजार वैक्सीन डोज दी जा रही है।