नई दिल्ली. भारत बायोटेक की कोविड टीका कोवैक्सीन (covaxin) को इसी हफ्ते WHO की मंजूरी मिल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अप्रूवल मिलने के बाद कोवैक्सीन की डोज लेने वाले यात्रियों की अंतरराष्ट्रीय बंदिशें कम हो जाएगी। इसे विदेश यात्रा के समय वैक्सीन पासपोर्ट की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक WHO इंडिया-मेड कोरोना वैक्सीन को इस हफ्ते मंजूरी दे सकता है। इस वैक्सीन की मैन्यूफैक्चरिंग हैदराबाद (Hyderabad) की भारत बायोटेक (Bharat Biotech) करती है। डब्लूएचओ की हरी झंडी मिलने के बाद कोवैक्सीन को निर्यात करने का रास्ता खुल जाएगा।
पहले भी होती रही है मंजूरी मिलने की बात
जुलाई में बताया गया था कि कोवैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में हरी झंडी मिलने वाली है। हालांकि, तब ऐसा नहीं हुआ। फिर बताया गया कि अगस्त में ऐसा होने के आसार हैं। अब कहा जा रहा है कि इसी हफ्ते कोवैक्सीन को WHO की मंजूरी मिल जाएगी। कोवैक्सिन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मिलकर बनाया है। फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल्स के बाद कंपनी ने दावा किया था कि वैक्सीन की क्लिनिकल एफिकेसी 78% है।
चार चरणों में वैक्सीन अप्रूवल की प्रक्रिया
WHO की अप्रूवल प्रक्रिया चार चरणों में काम करती है। पहले स्टेप में मैन्यूफैक्चरर के एक्स्प्रेसन ऑफ इंटरेस्ट को स्वीकार किया जाता है। फिर मैन्यूफैक्चरर और WHO के बीच प्री सबमिशन मीटिंग होती है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से मूल्यांकन के लिए डोजियर स्वीकार किया जाता है। फिर सभी ट्रायल के नतीजों को देखते हुए वैक्सीन को अप्रूवल दिया जाता है।