BHOPAL. खेल देश को बहुत बड़ी ख्याति दिखाते हैं। इसीलिए तो खिलाड़ियों के सामने राष्ट्राध्यक्षों तक को नतमस्तक होना पड़ता है। ऐसा ही एक वाकिया, महान ऑलराउंडर से उस मुल्क के प्रधानमंत्री बने इमरान खान के साथ जुड़ा है ( फिलहाल एक मामले में वे जेल में हैं)। क्रिकेट में इमरान खान को सब जानते हैं और अपने समय में हमेशा चैंपियन की तरह खेलते थे। उनके जुझारूपन ने ही उन्हें देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई।
यहां बता दें , 5 अक्टूबर से भारत में वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है। धीर-धीरे पूरा माहौल क्रिकेटिया होने वाला है। इसी दौरान दसूत्र आपको एक महान ऑलराउंडर की कहानी से रूबरू करा रहा है।
वर्ल्ड कप चैंपियन कप्तान
इमरान की कहानी किसी फैंटेसी से कम नहीं है। कुछ लोग उन्हें वर्ल्ड चैंपियन कप्तान के रूप में जानते हैं। हालांकि, अब उनका कद इससे बहुत ऊपर हो गया है। हम यहां उनके घर (पाकिस्तान) में वर्ल्ड कप नहीं जीत पाने की कसक के चलते संन्यास और फिर राष्ट्रपति जिया उल हक के खास आग्रह पर क्रिकेट टीम में वापसी का किस्सा बता रहे हैं।
इमरान के संन्यास से पाक में आ गया था भूचाल!
साल 1987 में पाकिस्तान में वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ मेजबान टीम ने इमरान की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया। हांलाकि, सेमीफाइल में ऑस्ट्रेलिया से मात खाने के बाद टीम घर में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई। टीम की हार का सदमा पाकिस्तान क्रिकेट फैंस को तो लगा ही, साथ ही इमरान खान के संन्यास से भी फैंस को बड़ा शॉक लगा। इसके बाद पाकिस्तान में भूचाल सा आ गया था। क्रिकेट फैंस से लेकर राजनेताओं तक ने इमरान से संन्यास नहीं लेने की अपील की। काफी दिनों तक इमरान खान के संन्यास को लेकर पाक में अजीब सा माहौल चलता रहा। इसी दौरान अब्दुल कादिर को टीम की कप्तानी मिली। बिना इमरान के पाकिस्तान को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में 5 मैचों में से 4 में हार झेलनी पड़ी। जिससे तत्कालीन पाक राष्ट्रपति जिया उल हक और देशवासियों को निराशा हाथ लगी।
राष्ट्रपति के आग्रह पर फिर बतौर कप्तान टीम से जुड़े
कप्तान इमरान खान के टीम से संन्यास के बाद पाक टीम बिखर सी गई थी। क्रिकेट के शौकीन तत्कालीन राष्ट्रपति जिया उल हक ने राष्ट्रीय चैनल पर इमरान खान से संन्यास खत्म कर टीम की कमान संभालने की अपील की थी। इसी दौरान टीम को वेस्टइंडीज का दौरा करना था। राष्ट्रपति ने टीम को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया। इस मौके पर राष्ट्रपति ने इमरान से बंद कमरे में बात की और उन्हें फिर से टीम की कमान संभालने के लिए मनाया। इसके बाद इमरान खान तैयार हुए और फिर बतौर कप्तान पाक टीम से जुड़ गए। पूरे एपीसोड को बाद में इमरान ने खुद भी उजागर किया। हालांकि, दोबारा उनकी कप्तानी में वेस्टइंडीज दौरा सफल नहीं रहा। टीम पांचों वनडे हार गई, लेकिन टेस्ट मैच में 1-1 से बराबर रही।
... और इमरान की टीम ने 1992 में जीता वर्ल्ड कप
39 साल के इमरान की कप्तानी में पाकिस्तान की टीम 1992 वर्ल्ड कप खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया- न्यूजीलैंड पहुंची। इमरान दूसरी बार वर्ल्ड कप में टीम का नेतृत्व कर रहे थे। टूर्नामेंट में 10 मुकाबलों में पाक टीम को 6 में जीत मिली। तीन में उसे हार का सामना करना पड़ा। एक मैच में नतीजा नहीं निकला। फाइनल में पाक ने इंग्लैंड को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप जीत लिया। इसी के साथ जिया उल हक का इमरान पर दिखाया गया विश्वास सही साबित हुआ।
डेब्यू के 6 साल बाद सिडनी टेस्ट से बनाई पहचान
इमरान खान ने यूं तो पहला टेस्ट 1971 में खेला। पर उन्हें पहचान मिली 1977 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट से। उन्होंने इस टेस्ट की दोनों पारियों में 6-6 विकेट झटके और पाकिस्तान को 8 विकेट से जीत मिली। सीरीज 1-1 से बराबर रही। इसके कुछ साल बाद वे कप्तान बने। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने लगातार जीत दर्ज की। एक समय इमरान का कद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) से भी बड़ा हो गया था। उनके कप्तान रहते हुए कोई भी उनके काम में दखल नहीं दे सका।
भारत से सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड से अंपायर बुलाए
1970-80 के दशक में पाकिस्तान के अंपायर पक्षपातपूर्ण फैसले के लिए बदनाम थे। भारतीय क्रिकेटर भी लगातार इसकी शिकायत करते थे, पर इमरान को अपनी टीम पर पूरा भरोसा था। उन्होंने बतौर कप्तान अपने क्रिकेट बोर्ड पर न्यूट्रल अंपायर बुलाने का दबाव बनाया। इसके बाद पाकिस्तान में होने वाली भारत-पाक सीरीज के लिए इंग्लैंड से अंपायर बुलाए गए।
इमरान खान ने कहा था- मैंने देश के लिए क्रिकेट में वापसी की
इमरान ने जिया उल हक के बारे में कहा, 'मैं 1987 वर्ल्ड कप के बाद संन्यास ले चुका था, लेकिन तकरीबन एक साल बाद जनरल जिया ने राष्ट्रीय चैनल के जरिए मुझसे वापसी का अनुरोध किया। टीम के लिए बुलाए गए रात्रि भोज के दौरान वे मुझे दूसरे कमरे में ले गए। मुझसे कहा कि तुम क्या करने जा रहे हो? वापसी की बात को ठुकरा कर मेरा अपमान मत करना। आपको अपने देश की खातिर वापस आने के लिए कह रहा हूं। जनरल जिया के इन बातों के बाद मैंने देश के लिए क्रिकेट में वापसी की।'