लखनऊ. लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष को 10 फरवरी को जमानत दे दी गई। आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। 3 अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का मामला सामने आया था। इसके चलती भड़की हिंसा में 8 लोगों (4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता और 1 पत्रकार) की मौत हो गई थी।
आशीष को जमानत क्यों मिली?: आशीष के वकील सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि गाड़ी आशीष मिश्रा नहीं, बल्कि हरिओम मिश्रा चला रहा था और उन्होंने डिफेंस में गाड़ी चढ़ाई थी। ड्राइवर के अपराध के लिए आशीष को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है? उन्होंने ये भी बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि लखीमपुर हिंसा में किसी भी किसान की मौत गोली लगने से नहीं हुई। वकील श्रीवास्तव ने चार्जशीट पर भी सवाल उठाए। कहा कि पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें सुप्रीम कोर्ट की ओर से नामित SIT के अफसरों के दस्तखत नहीं थे, इसलिए हम इसे गैरकानूनी मानते हैं।
5 हजार पन्नों की चार्जशीट: 3 अक्तूबर को तिकुनिया में हुई हिंसक वारदात के बाद स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने जांच के बाद आशीष मिश्र समेत 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। SIT ने 3 जनवरी को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें SIT ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया था। दिसंबर में SIT ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी।
आशीष मिश्रा पर 3 बड़े आरोप
- हथियारों का इस्तेमाल: SIT के मुताबिक, तिकुनिया गांव में हिंसा के दौरान जो गोलियां चली थीं, वो आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी हथियार से चलीं।