REWA. तीन राज्यों की पुलिस और खुफिया तंत्र की आंखों में धूल झोंककर रीवा (Rewa) का एक तस्कर और सवा दो करोड़ रूपए का गांजा प्रयागराज यूपी एसटीएफ की नजरों से नहीं बच पाया। प्रयागराज एसटीएफ (Prayagraj STF) ने कोरांव थाना के गाढ़ा बाजार में गांजा जब्त किया है। किराए के एक ट्रक में 9 क्विंटल 29 किलो ग्राम गांजा छिपाकर रखा था। इस मामले में गांजा तस्कर राकेश सिंह (
Rakesh Singh) पुत्र रजनीश सिंह निवासी सोहागी फरार होने में सफल हो गया लेकिन कोरांव यूपी का रहने वाला ट्रक चालक अनूप कुमार मिश्रा (Anoop Kumar Mishra), खलासी पवन कुमार सिंह और गांजा तस्कर का सहयोगी हरिकांत सिंह उर्फ बबलू निवासी हहोतीपुर्वा थाना सोहागी रीवा एसटीएफ के हाथ लग गए।
9 क्विंटल से अधिक गांजा बरामद
मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले बड़े गिरोह का एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट ने भंडाफोड़ किया है। प्रयागराज के कोरांव इलाके से एसटीएफ ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले बड़े गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार(arrest) करते हुए 9 क्विंटल से अधिक गांजा बरामद किया है। तस्करों के कब्जे से बरामद हुए गांजा की अनुमानित कीमत दो करोड़ 25 लाख बताई जा रही है। एसटीएफ की पूछताछ में पता चला है कि तस्कर पिछले काफी समय से अवैध तरीके से मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल रहे हैं।
आंध्र प्रदेश से गांजा लाकर कई जगह करता है सप्लाई
आंध्र प्रदेश से यह गिरोह गांजा लाकर प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, भदोही और एमपी के रीवा समेत कई जनपदों में सप्लाई करता है। एसटीएफ सीओ नवेंदु सिंह के मुताबिक यह गिरोह बेहद शातिर किस्म का है। आंध्र प्रदेश से गांजा लाकर यहां के कई जनपदों में सप्लाई करता है। पुलिस से बचने के लिए यह गिरोह बेहद चतुराई से ट्रक के डाले में नीचे गांजा रखने के बाद ऊपर से दिखाने के लिए प्लास्टिक के रैपर रख लिया करता था। जिससे कोई अंदाजा न लगा सकें कि इस गाड़ी में कोई अवैध सामग्री रखी हुई है। सीओ नवेंदु सिंह ने कहा कि मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें पवन सिंह और अनूप मिश्रा प्रयागराज के कोरांव के रहने वाले हैं। जबकि हरिकांत सिंह एमपी रीवा का रहने वाला है, साथ ही इस गिरोह में शामिल रजनीश फरार चल रहा है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। एसटीएफ सीओ नवेन्दु सिंह ने बताया कि आंध्रा के राजमुंद्री जिला गोदाबरी से गांजा छत्तीसगढ़ के जगदलपुर लाया गया था। जहां से बाद में म.प्र होते हुए कोरांव पहुंचाया गया।