भारत की नई सायबर क्राइम कैपिटल बना आसनसोल, जमताड़ा से भागे क्रिमनल बना रहे नया अड्डा

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The Sootr
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भारत की नई सायबर क्राइम कैपिटल बना आसनसोल, जमताड़ा से भागे क्रिमनल बना रहे नया अड्डा

NEW DELHI. अगर आपको बिजली कटने का मैसेज आता है, या फिर कोई ऐसा नौकरी का ऑफर मिलता है जो पहली नजर में ही बहुत अच्छा लगता है तो यह अब जमताड़ा से नहीं पश्चिम बंगाल के औद्योगिक नगर आसनसोल से आया है। ऐसा इसलिए क्योंकि आसनसोल ने झारखंड के जमताड़ा से देश की हैकिंग कैपिटल का बदनामी का तमगा छीन लिया है। देश के सायबर क्राइम कैपिटल के शहर में यह बदलाव सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लगातार कार्रवाई के बाद आया है। जमताड़ा में काम करने वाले सायबर गैंग कार्रवाई के कारण वहां से 40 किलोमीटर दूर आसनसोल में शिफ्ट हो गए हैं।





नए तरीकों से करते हैं ठगी





इन सायबर ठगों ने केंद्र तो बदला ही साथ में अपना काम करने का तरीका भी बदल लिया है। पहले ये समूह डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने या फिर बैंक खाता बंद करने की धमकी देकर लोगों को ठगते थे। लोकिन, अब उन्होंने अपनी मोडसऑपरेंडी बदल ली है। इसमें नए-नए तरीके जुड़ते जा रहे हैं।





लोगों के डर का फायदा उठाते हैं सायबर क्रिमिनल





सायबर क्राइम के एक्सपर्ट्स का कहना है कि- वो लोगों के डर का फायदा उठाते हैं। वो लोगों को उनकी रोजमर्रा की जरूरी सेवाओं के बाधित होने की झूठी जानकारी देकर फंसाते हैं। इन सेवाओं में आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी सर्विसेज सबसे आगे होती हैं। इनमें गर्मी के महीनों में बिलजी कटने जैसी धमकी आदि शामिल है। इस तरह की डर की सूचना के बाद हैकर्स लोगों को ऐसे लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं जिससे उनके डीटेल हैकर को ऐप के माध्यम से मिल जाते हैं।





जमताड़ा की बदनामी के बाद ठगी करने वाले आसनसोल में छुपने की जगह तलाश रहे हैं। साथ ही वहां उनके रिश्तेदार भी हैं जो इस फर्जीवाड़े में मदद और ढाल बन जाते हैं। सायबर क्राइम रोकने पर काम कर रहे अफसरों द्वारा जमताड़ा के हर टॉवर के कॉल को मॉनीटर किया जाता है। इस कड़ी निगरानी ने सायबर क्रिमिनल्स का यहां से काम करना काफी जोखिमभरा कर दिया है। क्योंकि आसनसोल में ऐसा कुछ नहीं है तो वे पुलिस की नजर से बच कर अपना काम कर सकते हैं।





आसनसोल के युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग





जमताड़ा से भागे अपराधियों ने आसनसोल में बड़ी संख्या में आसनसोल के युवाओं को सायबर क्राइम की ट्रेनिंग दी है। ‍इससे वहां नए गैंग पनप गए हैं। असनसोल इसलिए भी इस क्राइम के लिए ठीक है क्योंकि वहां तीनों कंपनियों के मोबाइल टॉवर हैं जो अच्छी कनेक्टिविटी मुहैया कराते हैं। साथ ही इस अपराध में जरूरी है मोबाइल फोन और बड़ी संख्या में सिम आसनसोल में आराम से मिल जाती हैं।





अपराध के लिए जगह भी उपलब्ध





आसनसोल सायबर अपराधियों को वो सब दे रहा है जो जरूरी है। यहां ऑफिस स्पेस से लेकर खाली पड़ी पुरानी इमारतें और खाली वेयरहाउस भी बड़ी संख्या में हैं जो सायबर अपराधियों को अपनी तरफ खींचती हैं। इन पुरानी इमारतों और वेयर हाउस से वो बिना किसी किराए के ठिकाने पर अपना धंधा चलाते हैं। क्योंकि इन इमारतों में किसी का आना जाना नहीं है तो यह क्राइम के लिए सुरक्षित भी हैं।





बेरोजगारी बढ़ी तो क्राइम की तरफ





आसनसोल में पिछले कुछ सालों में उद्योग बंद, रोजगार छिने, लेकिन लोगों की लाइफस्टाइल बेहतर हुई है। यहां के युवा महंगी बाइकों पर देखे जा सकते हैं, जबकि उस तरह का काम आसनसोल में उपलब्ध नहीं है। दबी जुबान में यहां के लोग मानते हैं कि यह साबयर क्राइम का नतीजा है, लेकिन खुल कर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।



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