Indore. शहर में अवैध कॉलोनाइजर्स के खिलाफ धड़ल्ले से केस दर्ज हो रहे हैं। बुधवार को बाणगंगा थाने (Banganga Thana) में दस कॉलोनाइर्स के खिलाफ केस दर्ज हुए। यह सिलसिला लगातार जारी है।
जानकारी के मुताबिक नगर निगम ने पिछले एक पखवाड़े में कम से कम पौने दो सौ कॉलोनाइजर्स की लिस्ट अलग-अलग थानों में भेजी है जिनके खिलाफ केस दर्ज किया जाना है। पुलिस जांच कर अपने-अपने क्षेत्र में केस दर्ज करती जा रही है। हालांकि अभी केवल केस ही दर्ज हो रहे हैं, आगे की कार्रवाई रुकी हुई है।
इसलिए आई केस में तेजी
सरकार अवैध कॉलोनियों को वैध करना चाहती है। इसके लिए सरकार ने कॉलोनी विकास नियम में संशोधन किया है, जिसके तहत यदि किसी कॉलोनी को वैध किया जाना है तो पहले कॉलोनी काटने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाना जरूरी है। इंदौर में करीब सात सौ कॉलोनियां हैं, इनमें से आधी अवैध हैं। प्राथमिक तौर पर पौने दो सौ कॉलोनियों की शिनाख्त हुई जिनके प्रकरण थानों को भेजे गए हैं। अभी नगर निगम और पुलिस दोनों ही विभाग अवैध कॉलोनी की पड़ताल में मशक्कत कर रहे हैं। हालांकि आचार संहिता के कारण कॉलोनियों को वैध करने का काम रुका हुआ है लेकिन इसकी कागजी तैयारी पूरी की जा रही है ताकि विधानसभा चुनाव से पहले इस काम को अंजाम दिया जा सके।
एक नंबर गढ़ है अवैध कॉलोनियों का
यूं इंदौर में चारों तरफ ही अवैध कॉलोनियों की भरमार हैं। सरकार की तमाम चेतावनियों के बावजूद ये काम रुका नहीं है फिर भी पुराने समय से ही विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक में अवैध कॉलोनियों की बहुतायत है। शहर का विस्तार होने के बाद अब खंडवा रोड, पालदा, हातोद रोड, देवास रोड, बायपास आदि बाहरी इलाकों में भी लगातार अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। ग्रामीण इलाकों में तो सरकारी जमीन पर ही कॉलोनी काट दी गई। हाल ही में प्रशासन ने कुछ जगह खाली भी करवाई।
पहले इक्का-दुक्का पर होती थी कार्रवाई
अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ पहले भी केस दर्ज होते रहे हैं लेकिन वह नौबत तब ही आती थी जब कोई प्लॉट होल्डर या अन्य व्यक्ति शिकायत करे। इस इक्का-दुक्का कार्रवाई को बहुत असर अवैध कॉलोनी काटने वालों पर होता भी नहीं था यही कारण है कि बीते दो दशक में शहर में वैध से ज्यादा अवैध कॉलोनियां काट दी गईं। पहली बार नगर निगम खुद रुचि लेकर केस दर्ज करवा रहा है।