भोपाल में फर्जी नाम से कोर्ट में जज व वकीलों के विरुद्ध आवेदन भेजने वाले रिटायर्ड IAS के विरुद्ध क्राइम ब्रांच ने दर्ज की FIR

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
भोपाल में फर्जी नाम से कोर्ट में जज व वकीलों के विरुद्ध आवेदन भेजने वाले रिटायर्ड IAS के विरुद्ध क्राइम ब्रांच ने दर्ज की FIR

BHOPAL. निसार अहमद ने  28 जनवरी 2023 को जुमराती स्थित एक छोटे से पोस्ट ऑफिस में जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे, वहां से एक कथित पत्र कुछ न्यायाधीश गण को पोस्ट करवाया जिसमें प्रेषक के रूप में पता राजेश मेहरा अधिवक्ता बाग मुगालिया का लिखा हुआ था। इस कथित पत्र में कुछ न्यायाधीशगण व भोपाल कोर्ट के कुछ अधिवक्ता के विरुद्ध अशोभनीय झूठे आरोप लगाए गए थे। जिला और सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भोपाल ने जब इस कथित पत्र की जांच कराने के लिए क्राइम ब्रांच भोपाल को पत्र लिखा और अधिवक्ता तारिक सिद्दीकी ने भी क्राइम ब्रांच भोपाल में इस पत्र के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया जिसकी जांच क्राइम ब्रांच भोपाल ने की।



नतीजे पर कैसे पहुंची क्राइम ब्रांच



क्राइम ब्रांच को यह जानकारी प्राप्त हुई कि यह कथित पत्र शाहजहांनाबाद स्थित एक टाइपिंग की दुकान से टाइप कराया गया है। इस टाइपिंग संचालक शादाब अहमद ने बताया कि उसकी दुकान पर यह पत्र राशिद गोरी नामक व्यक्ति ने आकर टाइप करवाया था। जब राशिद गोरी से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने उस कथन में बताया कि निसार अहमद ने अपने घर बुलाकर यह टाइप कराने को दिया था और निसार अहमद के घर दो-तीन लोग और भी बैठे हुए थे। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज लेने की कोशिश की तो पता चला कि उस पोस्ट ऑफिस में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं।



यह खबर भी पढ़ें






इस मामले में आईटी एक्ट की धाराएं भी बढ़ सकती हैं



इस कथित पत्र में निसार अहमद ने कुछ ऐसी बातें लिखी थी जिसमें धार्मिक वैमनस्य हो तथा पत्र भेजने वाला व्यक्ति मुस्लिम धर्म का नहीं समझा जाए। इसीलिए पत्र में हिंदू-मुस्लिम वेमनस्य की बातें भी लिखी थी और राजेश मेहरा नामक व्यक्ति का बाग मुगालिया का पता भी लिखा था। पुलिस ने जब जांच की तो यह पता फर्जी पाया गया और जिला बार एसोसिएशन ने भी लिख कर दिया कि भोपाल में इस नाम का कोई अधिवक्ता नहीं है। कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद क्राइम ब्रांच ने अभियोजन शाखा से राय लेने के बाद निसार अहमद के विरुद्ध कूटरचना व ख्याति खराब करने की धाराएं लगाई है। इस मामले में अब आईटी एक्ट की धाराएं भी बढ़ने की संभावना है तथा निसार अहमद के घर दो अन्य लोग कौन थे इसकी भी जांच होना है। एक षड्यंत्र में दो अन्य वकीलों के भी नाम सामने आए हैं जिसकी जांच हो रही है व आईटी एक्ट की धारा भी इजाफा होना हैं।



निसार अहमद ने क्यों किया ऐसा



जांच में पता चला कि वकील तारीख सिद्दीकी ने निसार अहमद के पुत्र के भोपाल मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में आयुष्मान घोटाले का प्रकरण कोर्ट में लगाया था जिससे घबराकर निसार अहमद ने वकीलों व जज की प्रतिष्ठा खराब करने के लिए उसी न्यायालय में फर्जी बातें लिखकर दूसरे व्यक्ति के नाम से कई पत्र भेजें।



निसार अहमद पर सिमी के सरगना नागौरी से संबंध के आरोप भी हैं



निसार अहमद पूर्व में जिला पंचायत खंडवा के सीईओ थे तब भी उन पर सिमी के सरगना सफदर नागौरी से संबंध होने के आरोप लगे थे। ज्ञात हो कि इसी तरीके से फर्जी नाम लिखकर कुछ माह पूर्व जबलपुर हाई कोर्ट जज को पत्र भेजा था जिसकी जांच होने पर एक अधिवक्ता ने सुसाइड कर लिया था जिसके बाद हाईकोर्ट में आगजनी की घटना हुई थी। उस फर्जी पत्र के आधार पर कई लोग आज भी जेल में हैं।


MP News क्राइम ब्रांच ने दर्ज की FIRफर्जी नाम से कोर्ट में भेजा आवेदन रिटायर्ड IAS निसार अहमद भोपाल में  रिटायर्ड IAS application sent to court in fake name Crime Branch filed FIR Retired IAS Nisar Ahmed Retired IAS in Bhopal एमपी न्यूज