NEW DELHI. श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस के हाथ अभी भी कोई खास सबूत हाथ नहीं लगा है। आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का पॉलीग्राफी टेस्ट का बचा हुआ सेशन आज यानी 28 नवंबर को होगा। दिल्ली पुलिस ने इसे पूरा करने के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) से संपर्क साधा है। आफताब को 13 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में 26 नवंबर को तिहाड़ जेल भेजा गया। उसे जेल नंबर चार की बैरक-15 में रखा गया है। उसे अन्य कैदियों से अलग रखा गया है। एक कर्मचारी को निगरानी के लिए रखा गया है। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रद्धा की हत्या करने में आफताब का साथ एक व्यक्ति ने दिया था। दिल्ली पुलिस को शक है कि इसी व्यक्ति ने सबूत मिटाने में भी आफताब की मदद की। फिलहाल, पुलिस इसके बारे में जानकारी जुटा रही है। पुलिस ने यह थ्योरी किस आधार पर बनाई, ये पता नहीं चला है।
आफताब का नार्को टेस्ट भी कराया जाना है
आरोपी आफताब के अब तक 3 पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुके हैं। पहली बार पॉलीग्राफ टेस्ट 22 नवंबर को हुआ था। इसके बाद 24 और 25 नवंबर को कराया गया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अभी तक आफताब से 40 सवाल पूछे जा चुके हैं। सभी टेस्ट पूरे होने के बाद 5 दिसंबर को नार्को टेस्ट कराया जा सकता है।
पुलिस को अब भी इन पांच चीजों की तलाश
- श्रद्धा का सिर।
श्रद्धा के पिता ने सीबीआई जांच कराने को कहा
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 28 साल के आफताब ने 18 मई को 27 साल की श्रद्धा का मर्डर कर दिया था। दोनों लिव-इन में रहते थे। आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए थे। इन्हें रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था। वह 18 दिन तक रोज रात 2 बजे जंगल में शव के टुकड़े फेंकने जाता था। वहीं, श्रद्धा के पिता विकास वाल्कर ने CBI जांच की मांग की है। एक न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा- आफताब अभी भी पुलिस को गुमराह कर रहा है और इस मामले की CBI जांच होनी चाहिए। आफताब का परिवार भी इसमें शामिल है। आफताब के माता-पिता उसकी हरकतों के बारे में जानते थे।
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पुलिस ने आफताब की साइकोलॉजिस्ट दोस्त से भी पूछताछ की है
मामले में पुलिस हर उस व्यक्ति (लड़का या लड़की) तक पहुंच रही है, जो आफताब से जाने-अनजाने में मिला। इसी कोशिश में पुलिस एक ऐसी लड़की तक पहुंची, जो आफताब के बारे में काफी कुछ बता सकती है। आफताब डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करता था। इसी के जरिए उसने कई लड़कियों को दोस्त बनाया था। उसने डेटिंग ऐप से कॉन्टेक्ट में आई एक लड़की को घर पर भी बुलाया था। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उस लड़की की पहचान कर ली है। ये लड़की पेशे से साइकोलॉजिस्ट है। पुलिस इससे इन्क्वायरी कर चुकी है। माना जा रहा है कि उसने आफताब के बारे में अहम सुराग दिए हैं।
पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट में अंतर
पॉलीग्राफ टेस्ट (एक तरह से लाई डिटेक्टर टेस्ट) में आरोपी की फिजिकल एक्टिविटी जैसे हार्टबीट, नाड़ी, सांस लेने की दर और पसीना आने को नोट किया जाता है। नार्को टेस्ट में आरोपी को इंजेक्शन से सोडियम पेंटोथल दवा दी जाती है। इससे वो बेहोश होता है, लेकिन उसका दिमाग करता रहता है।