indore.फर्जी एडवायजरी कंपनी के जरिए पांच करोड़ की ठगी की आरोपी पूजा थापा और दूसरे सरगना पवन तिवारी की करोड़ों की संपत्ति की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने
रजिस्ट्रार को खत लिखा है।
पुलिस का मानना है कि पूजा और पवन की इंदौर और देवास में जो भी संपत्ति की जानकारी मिली है वो ठगी की राशि से खरीदी गई है। पूजा और पवन को पुलिस ने रिमांड खत्म होने के बाद जेल भेज दिया लेकिन पूजा की बहन पायल की तलाश सरगर्मी से हो रही है। जांच में पता चला है कि पूजा के साथ बहन भी ठगी के धंधे में शामिल थी । इससे पहले जिन चौदह आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा था उन्हें भी जेल भेज दिया गया था। एक साफ्टवेयर इंजीनियर अमित बर्फा को पुलिस फिर से रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। अभी वो जेल में है लेकिन जिस तरह से लोगों का डाटा इकट्ठा कर पूजा सहित कई कंपनियों को बेचने में उसकी भूमिका मिली है उसके बाद पुलिस उससे दोबारा पूछताछ कर सकती है।
24 खाते फ्रीज करवाए
पुलिस को ठगों के 24 बैंक खातों की जानकारी मिली है। इन सभी को फ्रीज करवा दिया गया है। ये खाते पूजा ने अपने स्टॉफ से बोलकर बाहरी लोगों से कमीशन पर लिए थे। आयकर और अन्य विभागों में जवाब देने से बचने के लिए ठगी की राशि जमा कराने के लिए पूजा इन्हीं खातों को इस्तेमाल करती थी। इनमें से अधिकांश महू के ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। पुलिस इनकी संपत्तियों और लेनदेन की जानकारी आयकर और ईडी को भी देने की तैयारी कर रही है।
एक और महिला पर शक
पुलिस को शक है कि इस ठगी में एक और महिला शामिल है । जिया नाम यह महिला आरोपी पवन तिवारी की मंगेतर की बहन है। ये लोग कर्मचारियों को प्रशिक्षण देते थे। इसके साथ प्रशिक्षण देने वाले जीतेंद्र नामक युवक की भी पुलिस को तलाश है।