गुजरात में दबिश देकर हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू को NIA ने किया गिरफ्तार; 2019 से चल रहा था फरार

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Jitendra Shrivastava
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गुजरात में दबिश देकर हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू को NIA ने किया गिरफ्तार; 2019 से चल रहा था फरार

AHAMDABAD. जोधपुर का हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है। कैलाश मांजू एक लाख रुपए का इनामी है। NIA की टीम ने इनपुट मिलने पर गुजरात में दबिश देकर कैलाश मांजू को पकड़ा है। मांजू के खिलाफ राजपासा में एक साल के लिए निरुद्ध करने संबंधी आदेश 2019 में जारी हुए थे। इसके बाद वह फरार था। मूल रूप से भाटेलाई पुरोहितान हाल चौपासनी बाइपास, जोधपुर का रहने वाला कैलाश मांजू पुत्र रामचन्द्र बिश्नोई की गिरफ्तारी के प्रयास लगातार चल रहे थे। कैलाश मांजू नहीं मिला तो टीम ने परिजनों को नोटिस देकर कहा था कि मांजू दिल्ली एनआईए दफ्तर में पेश हो। मांजू पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े होने और अवैध हथियार तस्करी के आरोप हैं।





21 फरवरी को वीतराग सिटी में दी थी एनआईए ने दबिश





इसी साल 21 फरवरी को एनआईए की टीम ने जोधपुर के डाली बाई मंदिर के पास स्थित वीतराग सिटी के फ्लैट पर भी छापेमारी की थी। एनआईए की टीम यहां तीन गाड़ियों के साथ पहुंची थी। टीम ने वीतराग सिटी के मालिक से भी जानकारी ली थी। टीम को सूचना मिली थी कि यह फ्लैट मांजू की पत्नी के नाम पर है। वीतराग सिटी में कार्रवाई से पूर्व एनआईए टीम कैलाश मांजू के गांव भाटेलाई पुरोहितान भी पहुंची थी। मांजू भाटेलाई गांव का पूर्व में सरपंच रह चुका है। यहां टीम ने आधे घंटे तक उसके घर पर सर्च किया। हालांकि, वहां कोई बरामदगी नहीं हुई। टीम ने कैलाश और उसके आसपास के घरों की फोटो और वीडियोग्राफी की थी। भाटेलाई गांव का पूर्व सरपंच कैलाश पर जोधपुर पुलिस ने साल 2019 में राजपासा लगाया था। उसके बाद से मांजू फरार चल रहा था। उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें भी लगी हुई थी।





ऐसे हुई लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी





गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी के सवाल पर मांजू ने कहा था- मनीष जैन के पार्टनर ओम बागरेसा ने उसे फोन करके बताया कि पंजाब के एक गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने मनीष जैन से फिरौती मांगी है। वो उनको पैसे नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। इस पर मेरी मनीष जैन से बात हुई। मैंने मनीष भाई को पैसे देने के लिए स्पष्ट मना कर दिया। उनसे कहा इन बदमाशों को पैसे नहीं देने हैं। आज यह पंजाब से फोन कर रहे हैं, कल बिहार, फिर यूपी से फोन करके पैसे मांगते ही रहेंगे। एक बार इनको पैसे देने के बाद यह पीछा ही नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने मुझसे मदद मांगी तो मैंने लॉरेंस बिश्नोई से फोन पर बात की। इसके बाद मनीष जैन को पैसे देने से मना करने की बात पर दोनों के बीच फोन पर ही ठन गई और कैलाश मांजू व लॉरेंस बिश्नोई में दुश्मनी हो गई।





गणेश मांजू कर रहा हथियार सप्लाई





गणेश मांजू और अनमोल फोन से सम्पर्क में थे। गणेश मांजू कैलाश का चचेरा भाई है। दोनों के बीच लड़ाई थी। क्रॉस केस दर्ज थे। लॉरेंस गणेश को गैंग में मिला लिया। गणेश हथियारों की सप्लाई करा रहा है। कैलाश ने बताया था- हथियार जैसलमेर से होकर जोधपुर आते हैं। यहीं से पंजाब भी सप्लाई हुए। पाकिस्तान से आने वाले हथियार भी जैसलमेर से लगते बॉर्डर से होकर आते हैं। जैसलमेर में गणेश मांजू के भाई ने जमीन ले रखी है। गणेश मांजू के हथियार सप्लाई करने के कारण एनआईए ने जोधपुर में छापे मारे। एनआईए ने इसी शक में मेरे घर पर भी छापे मारे थे।





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कौन है कैलाश मांजू





कैलाश मांजू के पिता रामचंद्र बिश्नोई गांव के सरपंच थे। 2018 में पिता के निधन के बाद कैलाश मांजू गांव का सरपंच बना। मांजू पर पुलिस में कई मुकदमे दर्ज हुए तो उसने पत्नी को सरपंच बना दिया। अब उसकी पत्नी गांव की सरपंच हैं। कैलाश मांजू पर जब पुलिस ने राजपासा लगाने की तैयारी की तो वह फरार हो गया। अपने परिवार को भी ले गया। बताया जाता है कि अपने बेटे और बेटी का एडमिशन उसने नेपाल के बड़े स्कूल में कराया। पिता की मौत के बाद कैलाश मांजू फिर से जोधपुर आया।





20 फरवरी 2016 में सरेंडर किया था





कैलाश मांजू के खिलाफ लूट, हत्या, डकैती, अपहरण जैसे संगीन अपराधों के 42 मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ पहला मामला वर्ष 2003 में दर्ज हुआ था। इसके बाद उसने 20 फरवरी 2016 में सरेंडर किया था। इसके बाद जमानत पर आते ही फिर से अपराध करने लगा। 2017 में मांजू इनामी बदमाश घोषित होने पर नेपाल भाग गया। नेपाल में रहते समय कैलाश मांजू 16 नवंबर 2018 को सालासर बालाजी के दर्शन के लिए काठमांडू से फ्लाइट में दिल्ली पहुंचा था। दिल्ली से वॉल्वो में जयपुर आया। इस दौरान उसके घर से फोन आया कि पिता की मौत हो गई है। पिता के अंतिम संस्कार में गांव पहुंचा तो पुलिस ने पहले से ही गांव में नाकाबंदी कर दी। मांजू ने पिता के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया, लेकिन पैरोल पर बाहर आते ही फिर से फरार हो गया। तब से पुलिस को उसकी तलाश थी।





बॉर्डर पर कैलाश की भी जमीन





पुलिस के सूत्रों ने बताया कि गणेश मांजू के अलावा हार्डकोर हिस्टीशीटर कैलाश मांजू की जमीन में जोधपुर ग्रामीण के पाकिस्तान बॉर्डर से लगी हुई है और वो लंबे समय से हथियार तस्करी के काम में लिप्त होने के साथ ही लॉरेंस गिरोह के लिए काम भी करता है। वो उन्हें हथियार उपलब्ध कराता आ रहा है, इस दौरान उसकी दुश्मनी अपने चचेरे भाई गणेश मांजू से भी चल रही है।



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