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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने हाल ही में दवाओं के सैंपल टेस्ट किए, जिसमें 135 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं। इन दवाओं में हाई बीपी, शुगर, हार्ट और किडनी से संबंधित समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख दवाएं शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन दवाओं को मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना गया है और इनमें से कई को बाजार से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
फेल हुई दवाओं में कौन-कौन शामिल?
सीडीएससीओ की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित दवाएं खराब गुणवत्ता के कारण फेल हुई हैं:
सेफपोडोक्साइम टैबलेट आईपी 200 एमजी (Cefpodoxime Tablet IP 200 mg)
डाइवैलप्रोएक्स एक्सटेंडेड-रिलीज टैबलेट (Divalproex Extended-Release Tablet)
मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोर टैबलेट 500 एमजी (Metformin Hydrochloride Tablet 500 mg)
एमोक्सीसिलिन टैबलेट (Amoxicillin Tablet)
जिंक सल्फेट टैबलेट (Zinc Sulphate Tablet)
पेरासिटामोल 500 एमजी (Paracetamol 500 mg)
इनके अलावा, सिपला (Cipla), एडमैड फार्मा (Admed Pharma), और शमश्री लाइफ साइंसेज (Shamshree Lifesciences) जैसी बड़ी कंपनियों की दवाएं भी इस सूची में शामिल हैं।
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फिक्स डोज दवाओं पर भी पहले लगा है प्रतिबंध
इससे पहले भी सरकार ने खराब गुणवत्ता वाली 300 से अधिक दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था। इनमें से 206 फिक्स डोज कंबिनेशन (FDC) दवाएं थीं। FDC दवाएं वे होती हैं जिनमें एक ही टैबलेट में कई दवाएं मिलाई जाती हैं। हालांकि, इनके तुरंत असर के कारण वे मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।
135 दवाएं फेल: इसका क्या मतलब है?
जब कोई दवा गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरती, तो इसका अर्थ है कि:
- सक्रिय घटकों की कमी: दवा में वह तत्व मौजूद नहीं जो रोग का इलाज कर सके।
- हानिकारक प्रभाव: दवा के घटक शरीर में विषैले प्रभाव डाल सकते हैं।
- दवा की अविश्वसनीयता: ऐसी दवाओं का सेवन मरीजों की बीमारी को और बढ़ा सकता है।
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अब क्या कदम उठाए जाएंगे?
सरकार ने खराब गुणवत्ता वाली इन दवाओं के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं:
- लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया: जिन कंपनियों की दवाएं बार-बार फेल हो रही हैं, उनके लाइसेंस रद्द किए जाएंगे।
- बाजार से दवाओं को वापस मंगाना: खतरनाक दवाओं को तुरंत बाजार से हटाने का आदेश दिया गया है।
- दवा निर्माण पर निगरानी: केंद्रीय और राज्य स्तर पर औषधि निर्माण प्रक्रिया की सख्ती से निगरानी की जाएगी।
यह स्थिति क्यों खतरनाक है?
मरीजों का भरोसा टूटना: खराब दवाओं के कारण लोग दवा कंपनियों और चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा खो सकते हैं।
बीमारियों का बढ़ता खतरा: यदि दवा अपना काम नहीं करती, तो मरीज की हालत और गंभीर हो सकती है।
स्वास्थ्य का जोखिम: विषाक्त तत्वों वाली दवाएं शरीर के लिए घातक हो सकती हैं।
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए क्या कर सकते हैं?
- डॉक्टर से परामर्श: हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खरीदें।
- जांच प्रमाणपत्र देखें: दवाएं खरीदते समय उनके गुणवत्ता प्रमाणपत्र की जांच करें।
- ब्रांडेड दवाओं का उपयोग: अनजान कंपनियों की जगह भरोसेमंद ब्रांड की दवाएं चुनें।
- सरकारी सूचनाओं पर ध्यान दें: CDSCO की रिपोर्ट्स और सरकारी निर्देशों का पालन करें।
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