कैल्शियम-विटामिन D3 समेत 49 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल, देखें सूची

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सितंबर में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कैल्शियम, विटामिन डी3, कफ सिरप, मल्टीविटामिन और एंटी एलर्जी जैसी कई दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं।

Advertisment
author-image
Sourabh Bhatnagar
एडिट
New Update
दवाओं
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सितंबर में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कैल्शियम, विटामिन डी3, कफ सिरप, मल्टीविटामिन और एंटी एलर्जी जैसी कई दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें वे दवाएं भी शामिल हैं, जिन्हें आमतौर पर डॉक्टर मरीजों को सुझाते हैं। पैरासिटामोल लगातार दूसरे महीने भी क्वालिटी टेस्ट पास करने में विफल रही है।

कौन-कौन सी दवाएं फेल हुईं?

एमोक्सीसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलैनेट टैबलेट आईपी (कैलवम 25)
एमोक्सीसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलैनेट टैबलेट (मेक्सक्लेव 625)
कैल्शियम और विटामिन डी3 टैबलेट आईपी शेल्कल 500 (शेल्कल)
मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड सस्टेन्ड-रिलीज़ टैबलेट आईपी (ग्लाइसीमेट-एसआर-%00)
मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड सस्टेन्ड-रिलीज़ टैबलेट आईपी (ग्लाइसीमेट-एसआर-500)
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स विटामिन सी सॉफ़्टजेल के साथ
रिफ़मिन 550 (रिफ़ैक्सिमिन टैबलेट 550 मिलीग्राम)
पैंटोप्रेज़ोल गैस्ट्रो-रेज़िस्टेंट और डोमपेरिडोन प्रोलॉन्ग्ड-रिलीज़ कैप्सूल आईपी (पैन-डी)
पैरासिटामोल टैबलेट आईपी 500 मिलीग्राम
मोंटेयर एलसी किड (मोंट्रलुकास्ट सोडियम और लेवोसेटिरिज़ेन हाइड्रोक्लोराइड डिस्पर्सिबल टैबलेट)
कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन I.P(रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन फॉर इंजेक्शन) (RL 500ml)
फेक्सोफेनाडाइन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट IP 120 mg
फेक्सोफेनाडाइन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट IP 120 mg
लैक्सनॉर्म सॉल्यूशन (लैक्टुलोज सॉल्यूशन USP)
हेपरिन सोडियम इंजेक्शन 5000 यूनिट (होस्ट्रानिल इंजेक्शन)
बुफ्लैम फोर्ट सस्पेंशन (इबुप्रोफेन और पैरासिटामोल ओरल सस्पेंशन)
सेपोडेम XP 50 ड्राई सस्पेंशन (सेफ्पोडॉक्साइम प्रोक्सेटिल और पोटेशियम क्लैवुलैनेट ओरल सस्पेंशन)
निमेसुलाइड, पैरासिटामोल और क्लोरज़ोक्साज़ोन टैबलेट (NICIP MR)
रोल्ड गॉज़ (नॉन-स्टरलाइज़्ड)
सिप्रोफ्लोक्सासिन टैबलेट I.P. 500 मि.ग्रा. (ओसीफ-500)
निमेसुलाइड, फेनिलफ्रीन हाइड्रोक्लोराइड और लेवोसेटिरिज़िन डायहाइड्रोक्लोराइड टैबलेट (नुनिम-कोल्ड)
एड्रेनालाईन इंजेक्शन आई.पी. स्टेराइल 1 मिली
कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन आई.पी. (रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन फॉर इंजेक्शन) आरएल 500 मिली

विंगेल एक्सएल प्रो जेल (डिक्लोफेनाक डायथाइलामाइन, अलसी का तेल, मिथाइल सैलिसिलेट और मेन्थॉल जेल)

एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन आईपी 2 मिली
सेफ़ोपेराज़ोन और इंजेक्शन के लिए सुलबैक्टम (टुडेसेफ 1.5 ग्राम)
हेपरिन सोडियम इंजेक्शन आईपी 25000 आईयू / 5 मिली
सेफ़ेपाइम और इंजेक्शन के लिए टैज़ोबैक्टम (क्रूपाइम-टीजेड किड इंजेक्शन)
एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन आई.पी. (एट्रोपिन सल्फेट)
एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन आई.पी. (एट्रोपिन सल्फेट)
एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन आई.पी. (एट्रोपिन सल्फेट)
एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन आई.पी. (एट्रोपिन सल्फेट)
साल्बुटामोल, ब्रोमहेक्सिन एचसीआई, गुआइफेनेसिन और मेन्थॉल सिरप (एकोजिल एक्सपेक्टोरेंट)
डिक्लोफेनाक सोडियम आईपी
एस्सिटालोप्राम और क्लोनाज़ेपम टैबलेट आईपी (क्लोज़ैप्स-ईएस टैबलेट)
फेनिटोइन सोडियम इंजेक्शन यूएसपी
पैरासिटामोल, फेनिलफ्रीन हाइड्रोक्लोराइड और सेटिरिज़िन हाइड्रोक्लोराइड सस्पेंशन (सेथेल कोल्ड डीएस सस्पेंशन)
विटामिन डी3 250 आईयू टैबलेट आईपी के साथ कैल्शियम 500 मिलीग्राम
एमोक्सीसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलैनेट टैबलेट आईपी 625 मिलीग्राम (रेनेमेगा-सीवी 625)
ओल्मेसार्टन मेडोक्सोमिल टैबलेट आईपी 40 मिलीग्राम
इन्फ्यूजन सेट-एनवी
टेल्मिसर्टन टैबलेट आईपी 40 मिलीग्राम
टेल्मिसर्टन टैबलेट आईपी 40 मिग्रा
टेल्मिसर्टन टैबलेट आईपी 40 मिग्रा
मेट्रोनिडाजोल टैबलेट आईपी 400 मिग्रा
अल्प्राजोलम टैबलेट आईपी 0.25 मिग्रा (एराज़ोल-0.25 टैबलेट)
ग्लिमेपिराइड टैबलेट आईपी (2 मिग्रा)
कैल्शियम और विटामिन डी3 टैबलेट आई.पी

सीडीएससीओ की लिस्ट में ओमेरिन डी कैप्सूल, निमेसुलाइड+पैरासिटामोल, कैल्शियम 500, विटामिन डी3, पैंटोप्राजोल, पैरासिटामोल पेडियाट्रिक ओरल सस्पेंशन, एसिक्लोफेनाक, और सेट्रीजीन सिरप जैसी दवाएं शामिल हैं। इनका इस्तेमाल आमतौर पर गैस्ट्रिक, बुखार, खांसी और दर्द के लिए किया जाता है। इस बार कुल 49 दवाइयां गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। सीडीएससीओ हर महीने बाजार से दवाओं के सैंपल उठाकर उनकी जांच करता है।

स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने कराई मरीजों की फजीहत , नहीं मिल रहे क्लेम

दवा फेल होने का क्या मतलब है?

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) राजीव सिंह रघुवंशी ने बताया कि जब कोई दवा गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरती, तो उसे "स्टैंडर्ड क्वालिटी" का नहीं माना जाता। इस तरह की दवाओं का सैंपल बाजार से उठाकर परीक्षण किया गया, और यदि कोई दवा फेल होती है, तो संबंधित कंपनी को नोटिस भेजा जाता है।

बड़ी कंपनियों के नाम की फेक दवाएं भी मिलीं

रिपोर्ट में कुछ ऐसी फेक दवाइयां भी शामिल हैं, जिन्हें बड़ी कंपनियों के नाम से अन्य कंपनियों ने बनाकर बाजार में बेच दिया। इनमें ड्यूटैस्टराइड/टैमसुलोसिन, कैल्शियम 500, विटामिन डी3, पैंटोप्राज़ोल और नैंड्रोलोन जैसी दवाएं शामिल हैं। सीडीएससीओ बाजार से सैंपल लेकर हर महीने दवाओं की गुणवत्ता रिपोर्ट जारी करता है।

क्वालिटी टेस्ट में फेल हुईं पैरासिटामोल समेत 53 दवाएं, शुगर और ब्लड प्रेशर की गोलियां भी 'खतरनाक'

पिछले महीने भी फेल हुई थीं 53 दवाएं

अगस्त की रिपोर्ट में पैरासिटामोल समेत 53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई थीं। डॉक्टर स्वाति माहेश्वरी का कहना है कि खराब गुणवत्ता की दवाओं को बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि लगातार खराब दवाइयों के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, जिससे मरीजों की तकलीफें बढ़ सकती हैं।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

DCGI CDSCO paracetamol quality test failed paracetamol Medicines केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन