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BHOPAL. विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहे जाने वाले गणेश का जन्मोत्सव आज 19 सितंबर को देशभर में मनाया जा रहा है। इसे विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी जैसे नामों से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। इसलिए सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। आज गणपति स्थापना के सिर्फ 2 मुहूर्त हैं। दोपहर 2 बजे तक ही गणेश स्थापना की जा सकती है।
गणपति स्थापना के सिर्फ 2 मुहूर्त
गणेश चतुर्थी का पर्व आज से शुरू हो रहा है और ये 28 सितंबर तक रहेगा। ये त्योहार महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में सबसे ज्यादा मनाया जाता है। चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितंबर को 12 बजकर 39 मिनट पर हो चुकी है और इसका समापन आज दिन में 2 बजे होगा।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करने का शुभ समय 19 सितंबर को सुबह 10 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजे तक रहेगा। बता दें, अगर आप पूरे 10 दिन गणपति पूजा नहीं कर सकते है तो स्थापना के तीन, पांच या सातवें दिन भी विसर्जन कर सकते हैं।
चन्द्र दर्शन दोष निवारण मंत्र
सिंहःप्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।
पूजन विधि और मंत्र
- सुबह नहाने के बाद सोने, तांबे, मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें।
- चौकी में लाल आसन के ऊपर गणेश जी को विराजमान करें।
- भगवान गणेश को सिंदूर और दूर्वा अर्पित करके 21 लडडुओं का भोग लगाएं।
- शाम के समय गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश चालीसा और आरती पढ़ने के बाद अपनी दृष्टि को नीचे रखते हुए चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
- लडडुओं का प्रसाद गरीबों और ब्राह्मणों को बांट दें।
- गणेश की मूर्ति को एक, तीन, पांच, सात और नौ दिनों के लिए घर पर रख सकते हैं।