Delhi. मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अब मणिपुर हिंसा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाते हुए दिखाया गया है। सूत्रों के मुताबिक वीडियो में बताई गई घटना इंफाल में 4 मई को घटित हुई थी, जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हुआ है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि हम वीडियो देख बहुत परेशान हुए हैं। सरकार को वक्त दिया जाता है कि वो कदम उठाए, अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम कदम उठाएंगे। उधर प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस वीडियो के वायरल होने के बाद चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि इस घटना ने पूरे 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार कर दिया है। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा।
अब तक यह कार्रवाई हुई
मणिपुर पुलिस ने इस मामले में किडनैपिंग, गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज किया है, एक आरोपी की गिरफ्तारी भी की गई है, लेकिन वीडियो में लोगों की भीड़ नजर आ रही है। जानकारी के मुताबिक बाकी लोगों को पुलिस तलाश रही है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस मामले पर कहा है कि हम सभी आरोपियों को मौत की सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है। यह घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसान करने वाली है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। यह बेइज्जती पूरे देश की हो रही है।
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शीर्ष अदालत बोली- यह संविधान का सबसे घृणित अपमान
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र और मणिपुर सरकार से सवाल किया है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। सीजेआई डी वाय चंद्रचूड़ ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं को औजार की तरह उपयोग कभी भी स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है। बता दें कि इस मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
वीडियो पर सियासत भी
मणिपुर के वायरल हो रहे इस वीडियो पर कांग्रेस नेत्री अल्का लांबा ने ट्वीट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को टैग कर लिखा कि आप एक महिला होकर चुप रहकर कैसे यह सब देखती रह सकती हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा है कि समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है। इधर जानकारी यह भी मिल रही है कि सरकार ने फेसबुक-ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस वीडियो को शेयर न करने का आदेश दिया है। आदेश के उल्लंघन पर केंद्र सरकार ट्विटर पर एक्शन भी ले सकती है।