नई दिल्ली. राफेल फाइटर प्लेन की 7वीं खेप में 21 जुलाई की रात 3 और लड़ाकू विमान भारत पहुंचे। इसके साथ ही अब वायुसेना के बेड़े में राफेल की संख्या 24 हो गई है। बताया जा रहा है कि इन्हें पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा। भारत ने 2016 में 59,000 करोड़ में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ सौदा किया था। बाकी विमान 2022 तक आने की उम्मीद है।
राफेल ने पेट्रोलिंग भी शुरू की
पहली राफेल स्क्वॉड्रन अंबाला बेस पर है। एक स्क्वॉड्रन मे 18 विमान होते हैं। अंबाला में तैनात पहली राफेल स्क्वॉड्रन ने पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी है। दूसरी स्क्वॉड्रन का ऑपरेशन जुलाई के आखिर तक शुरू कर दिया जाएगा।
यूएई में रिफ्यूलिंग
तीनों विमान फ्रांस से उड़कर बिना रुके करीब 8 हजार किमी की दूरी तय कर भारत पहुंचे। प्लेन्स में बीच रास्ते में ही संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के एयरबस 330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट विमान के जरिए हवा में ही रिफ्यूलिंग की गई।
कोरोना के चलते भारत लाने की प्रक्रिया लेट
भारत में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बाद राफेल विमानों के लाने की प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो गई है, क्योंकि भारत से फ्रांस के लिए रवानों होने से पहले भारतीय पायलटों को क्वारैंटाइन के साथ-साथ और भी कई सावधानियों से गुजरना पड़ता है।