NEW DELHI. 15 नवंबर वह तारीख है जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान सम्मान निधि योजना के तहत 15वीं किश्त के 2000 हजार रुपए किसानों के खाते में डालेंगे। खास बात यह है कि इस मर्तबा किसान सम्मान निधि योजना के तहत पंजीकृत 12 करोड़ किसानों में करीब 8 करोड़ को ही यह राशि पहुंचेगी, क्योंकि सरकार ने 4 करोड़ हितग्राहियों को अपात्र मानते हुए उन्हें योजना के लाभ से वंचित कर दिया है। इस तरह सरकार ने 46 हजार करोड़ रुपए भी बचा लिए हैं।
11 करोड़ से ज्यादा को मिली थी पिछली किश्त
बता दें कि किसान सम्मान निधि की पिछली 14 किश्तों में सबसे ज्यादा 11 करोड़ 27 लाख 90 हजार किसानों के खातों में पैसा पहुंचाया गया था। इसके बाद सरकार ने फर्जी या गलत तरीके से योजना का लाभ लेने वाले किसानों की पहचान करना शुरु कर दी। जिसके चलते 4 करोड़ अपात्र किसानों की पहचान की गई।
घटते-बढ़ते रहे हैं पात्र किसान
आंकड़ों की मानें तो अगस्त-नवंबर 2022-23 में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 9 करोड़ रह गई थी। दिसंबर- मार्च 2022-23 की किश्त केवल 8.81 करोड़ किसानों के खाते में भेजी गई। वहीं अप्रैल-जुलाई वाली 14वीं किश्त 9.53 करोड़ किसानों को ही मिल पाई।
ई केवाईसी और वैरिफिकेशन में पता चली असलियत
केंद्र सरकार ने योजना का लाभ पा रहे किसानों का ईकेवाईसी कराया वहीं राज्य सरकारों ने गांव-गांव पहुंचकर वैरिफिकेशन किया। जिसके बाद योजना के लाभार्थियों में कमी आती गई। इससे पहले अप्रैल-जुलाई 2021-22 में 11.27 करोड़, दिसंबर-मार्च 2021-22 में 11.16 करोड़ और अगस्त-नवंबर 2021-22 में 11.19 करोड़ किसानों ने पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा उठाया था। सरकार के इस कदम के बाद उसे 46 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है।
अपात्रता का निर्धारण ऐसे
संवैधानिक पद पर काम कर रहे या कर चुके पूर्व या मौजूदा मंत्री, सांसद, विधायक, मेयर और पंचायत प्रमुख। इनके अलावा केंद्र या राज्य सरकार के मौजूदा या अवकाश प्राप्त कर्मचारी के साथ-साथ सभी अवकाश प्राप्त पेंशन भोगी, जिनकी मासिक पेंशन 10 हजार रुपए या इससे ज्यादा है।