BHOPAL. ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार (2 मई) की शाम को भीषण ट्रेन हादसा हुआ, जहां बहानागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गईं। हादसे में अब तक 238 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि, सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल हैं। लेकिन देश का यह कोई पहला बड़ा रेल हादसा नहीं है। भारत में इससे पहले भी कई भीषण रेल हादसे हो चुके हैं। हम यहां बात करेंगे 42 साल पहले हुए बिहार रेल हादसे की, जिसे देश का सबसे बड़ा रेल हादसा माना जाता है। इसमें 800 यात्रियों की जान गई थी। दिन था 6 जून 1981 का। यात्रियों से खचाखच भरी एक ट्रेन मानसी-सहरसा रेल खंड पर बदला घाट-धमारा घाट स्टेशन के बीच बागमती नदी पर बने पुल संख्या-51 पर पलट गई थी। इस ट्रेन में कुल 9 बोगियां थीं।
... ट्रेन की 9 बोगियां बागमती नदी में जा गिरीं
जानकारी के मुताबिक, 6 जून 1981 को मानसी तक ट्रेन सही सलामत बढ़ रही थी। शाम तीन बजे ट्रेन, बदला घाट पहुंची। थोड़ी देर रुकने के बाद ट्रेन धीरे-धीरे धमारा घाट की ओर चली। ट्रेन ने कुछ ही दूरी तय की थी कि मौसम खराब हो गया। तेज आंधी के बाद बारिश भी होने लगी। तब तक ट्रेन रेल के पुल संख्या 51 के पास पहुंच गई थी। ट्रेन अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी, इसी दौरान अचानक ट्रेन के ड्राइवर ने ब्रेक लगा दी, जिसके बाद पैसेंजर ट्रेन की 9 बोगियां पुल से बागमती नदी में जा गिरीं।
कई लोगों के शव कई दिनों तक ट्रेन की बोगियों में ही फंसे रहे थे। इस हादसे में मरने वालों की सरकारी आंकड़े के अनुसार संख्या 300 थी, लेकिन, स्थानीय लोगों के अनुसार हादसे में 800 के करीब लोग मारे गए थे, इस हादसे को देश के सबके बड़े रेल हादसे के रूप में याद किया जाता है।
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हादसे की कई वजह सामने आईं
इस हादसे के पीछे कई वजह सामने आईं थी। कहा जाता है कि जब ट्रेन बागमती नदी को पार कर रही थी तभी ट्रैक पर गाय और भैंसों का झुंड सामने आ गया था, जिसे बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने ब्रेक मारी थी। वहीं, यह भी कहा जाता है कि उस समय बारिश तेज थी, आंधी भी थी, जिसके कारण लोगों ने ट्रेन की सभी खिड़कियों को बंद कर दिया था और तेज तूफान होने की वजह से पूरा दबाव ट्रेन पर पड़ा और बोगियां नदी में समा गईं। हालांकि, ड्राइवर ने ब्रेक क्यों लगाई थी, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल हादसा
बता दें कि ये देश का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल हादसा हुआ था। विश्व की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना श्रीलंका में 2004 में हुई थी। जब सुनामी की तेज लहरों में ओसियन क्वीन एक्सप्रेस समा गई थी। हादसे में 1700 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।