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South Tripura. त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को मतदान हुआ। सभी 60 सीटों पर एक ही चरण में वोट डाले गए। शाम 5 बजे तक 81प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि ये डेटा अभी भी अपडेट हो सकता है। मतगणना 2 मार्च को होगी। इससे पहले 2018 में त्रिपुरा में 90फीसद मतदान हो चुका है और सरकार भाजपा ने बनाई थी।
इस बार राज्य में कुल 3,337 मतदान केंद्र बनाए गए थे। चुनाव में राज्य की 28.13 लाख जनता ने 259 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया। यह चुनाव साल 2023 का पहला चुनाव है। उधर, बीजेपी-कांग्रेस को मतदान के दौरान ट्विटर पर वोटिंग अपील करना भारी पड़ गया। चुनाव आयोग ने दोनों दलों को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में नोटिस भेजा है। बीजेपी महासचिव दिलीप सैकिया को भी इस मामले में नोटिस भेजा गया है।
बीजेपी विधायकों को खरीदने का सोचा है-प्रद्योत
मतदान के बीच टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा का बयान सुर्खियों में रहा। प्रद्योत ने कहा कि अगर उनकी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाती है तो वे बीजेपी विधायकों को खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। चुनाव के बाद गठबंधन और खरीद-फरोख्त के सवाल पर देबबर्मा बोले ‘मैं अपने महल के कुछ हिस्से को बेचकर भाजपा के 25-30 विधायकों को खरीदने के बारे में सोच रहा था। मेरे पास पैसा ही पैसा है।’ प्रद्योत ने कहा, ‘ऐसा क्यों माना जाता है कि केवल हम बिकाऊ हैं? सिर्फ हम पर ही सवाल क्यों उठाए जाते हैं? बीजेपी वालों को भी खरीदा जा सकता है।’
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संन्यास से भी किया इनकार
प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा के बारे में यह कहा जा रहा था कि वे त्रिपुरा चुनाव का परिणाम आने के बाद पॉलिटिक्स छोड़ देंगे। वे कभी भी ’बुबागरा’यानि राजा के रूप में वोट नहीं मांगेंगे। अब खुद प्रद्योत ने इसे अफवाह बताया है। बुधवार को प्रद्योत ने कहा कि, ‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मेरी बात का गलत मतलब निकाला गया। मैंने कहा था कि मैं मंगलवार को आखिरी बार वोट मांगने आया हूं, क्योंकि वह प्रचार का आखिरी दिन था।’
मुख्य निर्वाचन अधिकारी गित्ते किरणकुमार दिनकरराव ने कहा कि 3,337 में से 1,100 बूथ संवेदनशील हैं, जबकि 28 बूथ मोस्ट वलनरेबल हैं। राज्य में धारा 144 लागू है। साथ ही 25 हजार सुरक्षा बल भी तैनात किए गए। त्रिपुरा चुनाव में कुल 20 महिलाओं ने विधायक की दावेदारी रखी। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में 55 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने 6 सीटों पर दावेदारी पेश की है। भाजपा ने सबसे ज्यादा 12 महिला कैंडिडेट को मैदान में उतारा है। वहीं ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भी 47 सीटों पर मैदान में है। जबकि कांग्रेस ने केवल 13 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।
राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और सीपीआईएम-कांग्रेस गठबंधन के अलावा इस बार एक नई पार्टी भी चुनावी मैदान में उतरी। इस नई पार्टी का नाम टिपरा मोथा है, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा कर रहे हैं। टिपरा मोथा को नेशनल पार्टीज से उलट लोकल होने का फायदा मिल सकता है। टिपरा मोथा ने ’ग्रेटर टिपरालैंड’ को अपना चुनावी एजेंडा बनाया है। पार्टी ने 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। जिनमें 20 आदिवासी बहुल इलाके हैं। गौरतलब है कि ग्रेटर टिपरालैंड के जरिए त्रिपुरा की स्थानीय जनजातियों के लिए अलग राज्य बनाने की मांग की जा रही है।
अमित शाह का दावा 2 मार्च को मिल जाएगा बहुमत
गृहमंत्री अमित शाह ने ये दावा किया है कि भाजपा त्रिपुरा में दोबारा सरकार बनाने जा रही है। शाह ने कहा- “हमने ’चलो पलटाई’ का नारा त्रिपुरा की स्थिति बदलने के लिए दिया था और आज हमने हालात बदल दिए हैं। कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी साथ आए हैं, वे मान चुके हैं कि दोनों अकेले हमको नहीं हरा सकते। मतगणना वाले दिन दोपहर 12 बजे से पहले पाटर्भ् को त्रिपुरा में पूर्ण बहुमत मिलेगा और सरकार बनेगी।“