NEW DELHI. नए संसद भवन (सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट) का काम तेजी से जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने नई संसद की छत पर लगे 20 फीट ऊंचे अशोक स्तंभ का अनावरण भी किया। इस दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी मौजूद थे। बिड़ला के मुताबिक, उन्होंने अगला शीतकालीन सत्र नए संसद भवन में करवाने का लक्ष्य रखा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण कार्यों का जायजा लेने के दौरान काम में जुटे श्रमिकों से बातचीत भी की और उनका हालचाल जाना। मोदी ने जिस अशोक स्तंभ का अनावरण किया, वो कांसे का है और उसका वजन 9500 किलो है। इसके सपोर्ट के लिए करीब 6500 किलो वजन वाली स्टील की एक सहायक संरचना भी बनाई गई है।
टाटा प्रोजेक्ट्स बना रहा नया संसद भवन
नए संसद भवन की छत पर लगने वाले अशोक स्तंभ चिन्ह को 8 चरणों की प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया है। जानकारी के मुताबिक, नए संसद भवन के निर्माण पर 200 करोड़ रुपए ज्यादा खर्च हो सकते हैं। ये खर्च स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कामों पर बढ़ रहा है। इस बढ़े हुए खर्च के लिए सेंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (CPWD) को लोकसभा सचिवालय की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जनवरी में CPWD ने नए संसद भवन के निर्माण की लागत में होने वाली वृद्धि के लिए लोकसभा सचिवालय से मंजूरी मांगी थी। अब नए संसद भवन का बजट 1200 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
2020 में नया संसद भवन बनाने का प्रोजेक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स को 971 रुपए करोड़ में मिला था। सरकार ने भवन के लिए अक्टूबर 2022 की समय सीमा निर्धारित की थी और इस साल नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा था. सूत्रों के मुताबिक, CPWD ने उन वजहों को बताया है, जिनकी वजह से नए संसद भवन की लागत बढ़ रही है। इसमें स्टील की ऊंची कीमत शामिल है, संसद की नई इमारत भूकंपीय क्षेत्र 5 के मानदंडों के तहत बनाई जा रही है।
इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी खर्च बढ़ने की संभावना है। संसद भवन में मॉडर्न ऑडियो-वीडियो विजुअल सिस्टम लगाया जाएगा। इसके अलावा सभी सांसदों की टेबल पर टैबलेट की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह से मंत्रियों के चेंबर और मीटिंग रूम में हाई टेक्नीक डिवाइस लगाई जाएंगी।