NEW DELHI. आप जिस ट्रेन में बैठे हैं, उसका लोको पायलट नशे में है। अगर आपको ये पता चले तो क्या होगा। ऐसा वाकई हुआ है। पिछले 5 सालों में 995 लोको पायलट ने शराब पीकर ट्रेन चलाई है। वे सभी ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फेल हो गए। RTI में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
दिल्ली रेलवे डिवीजन
शराब पीकर ट्रेन चलाने के मामले में दिल्ली रेलवे डिवीजन पहले नंबर पर रहा। यहां पर 481 लोको पायलट ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फेल हो गए। 481 में से 38 लोको पायलट पैसेंजर ट्रेनों के थे। 189 तो कैबिन से उतरने के तुरंत बाद इस टेस्ट में फेल हुए। यानी उन्होंने शराब पीकर ट्रेन चलाई थी।
वेस्टर्न रेलवे
वेस्टर्न रेलवे के 273 लोको पायलट ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फेल रहे। इनमें से 82 पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट थे। रतलाम डिवीजन में ऐसे 158 मामले सामने आए, जिनमें से 32 लोको पायलट पैसेंजर ट्रेन के थे। वेस्टर्न रेलवे ने ये नहीं बताया कि ये लोको पायलट ड्यूटी पर जाने से पहले टेस्ट में फेल हुए या ड्यूटी खत्म होने के बाद।
गुजरात में शराब बैन, फिर भी नशे में लोको पायलट
गुजरात में 104 लोको पायलट ने शराब पीकर ट्रेन चलाई, जबकि यहां शराब पर बैन है। यानी लोको पायलट ने अवैध तरीके से शराब खरीदी और फिर पीकर ट्रेन चलाई। पैसेंजर ट्रेन चलाने के बाद 41 लोको पायलट टेस्ट में फेल रहे।
मुंबई का हाल
मुंबई में 11 लोको पायलट ने शराब पीकर ट्रेन चलाई थी। इसमें 3 पैसेंजर ट्रेन के पायलट थे।
नॉर्दर्न रेलवे
नॉर्दर्न रेलवे के दिल्ली डिवीजन के मुताबिक पिछले 5 साल में पैसेंजर ट्रेन के 181 लोको पायलट और मालगाड़ी के 290 लोको पायलट ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट पास नहीं कर सके। इसमें से 75 पैसेंजर और 114 मालगाड़ी के लोको पायलट इस टेस्ट में फेल हुए। 108 लोको पायलट शिफ्ट पूरी होने के बाद टेस्ट में फेल हो गए। लखनऊ में ऐसे 17 मामले सामने आए।
जबलपुर और भोपाल डिवीजन ने नहीं दिया जवाब
RTI के जवाब में जबलपुर और भोपाल रेलवे डिवीजन ने कहा कि वो इस तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं रखता है। दोनों ने कोई जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया।
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क्या होता ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट ?
ब्रेथ एनालाइजर मशीन आपके मुंह से निकली हवा के जरिए आपके खून में मिले अल्कोहल की मात्रा की जांच करती है। इसे ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट कहा जाता है।
लोको पायलट के खिलाफ क्या होती है कार्रवाई ?
अगर किसी लोको पायलट के शरीर में ड्यूटी के दौरान अल्कोहल का लेवल 1 से 20 MG/100 ML पाया जाता है तो उसे ड्यूटी से हटा दिया जाना चाहिए। अगर किसी लोको पायलट के शरीर में ड्यूटी के दौरान अल्कोहल का लेवल 20 MG/100 ML से ज्यादा पाया जाता है तो उसे सर्विस से हटाने का नियम है।