Bhopal. प्रधानमंत्री (Prime minister) नरेंद्र मोदी (Narendra modi) द्वारा डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियों के ऐलान ने बेरोजगारी (unemployment) की आग में झुलस रहे करीब 20 करोड़ युवाओं (Yuth) के लिए में उम्मीद जगाने का काम किया है। सीमा पर रहकर दुश्मनों का डटकर सामना करने के अलावा देश में हर संकट पर मोर्चा लेने वाली हमारी सेना अब बेरोजगारी को भी कुलचने का काम भी करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के लिए अग्निपथ (Agnipath) योजना के तहत अग्निवीरों (Agniveer) को तैनात करने की घोषणा की है। यह योजना देश के लाखों युवाओं के सपने पूरे कर उज्जवल भविष्य का आधार बन सकती है।
अग्निपथ योजना की घोषणा प्रधानमंत्री ने ऐसे समय की है, जब देश में बेरोजगारी (Unemployment) की दर लगातार बढ़ती जा रही है। खासकर कोरोना के कारण करीब 50 लाख से ज्यादा लोग घर बैठे हुए है और नौकरी (employment) की तलाश में हैं। इनमें महिलाओं (woman) की संख्या भी 20 लाख से अधिक है। वहीं बेरोजगारी की दर भी विकराल बनी हुई है। इसी साल मार्च में बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत थी तो मई में बेरोजगारी दर 7.83 पर पहुंच गई। खासकर दसवीं - बारहवीं (10th-12th) पास युवाओं के लिए अच्छे वेतन पर नौकरी किसी चुनौती से कम नहीं हैं। सेना की यह अग्निपथ योजना हर साल दसवीं - बारहवीं के बाद नौकरी की तलाश करने वाले लाखों युवाओं को आगे बढ़ने का मौका देने वाली साबित होगी। न केवल छोटी उम्र में सेना से जुड़कर अच्छे पैकेज पर देश की सेवा कर सकेंगे, बल्कि चार साल की सेवा के बाद मिलने वाली निधि से स्वरोजगार का सपना भी पूरा सकते हैं।
- 'अग्निपथ भर्ती योजना' के तहत युवा 4 साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे।
ये होगा सैलरी स्ट्रक्चर
साल |
मंथली सैलरी
कैश इन हैंड
पहले साल
30 हजार
21 हजार
दूसरे साल
33 हजार
23,100
तीसरे साल
36 हजार
25,580
चौथे साल
40 हजार
28 हजार
पहले साल में 45 हजार भर्ती
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (defence minister rajnath singh) ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि तीनों सेना के लिए पहले साल में ही 45 हजार युवाओं को अग्निवीरों के रूप में भर्ती दी जाएगी। इन सभी को पहली भर्ती (recuitment) रैली 90 दिनों में होगी। डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (defence of militry affair) की तरफ से तैयार की गई अग्निपथ रिक्रूटमेंट स्कीम को पहले 'टूर ऑफ ड्यूटी' (tour of duty) नाम दिया गया था। इस स्कीम के तहत शॉर्ट-टर्म के लिए ज्यादा सैनिकों की भर्ती की जाएगी। विभाग ही इसे लागू करेगा। सरकार ने अपने खर्चों में कटौती के लिए और डिफेंस फोर्स में युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए इस स्कीम को पेश किया है। अग्निवीर के रूप में भर्ती किए जाने वाले जवानों की तैनाती रेगिस्तान, पहाड़, भूमि, समुद्र या हवा में की जाएगी।
आकर्षक पैकेज देगा युवाओं को प्रोत्साहन
इस योजना में अधिक से अधिक युवाओं (youngsters) को मौका देने के लिए सरकार ने अपनी अग्निपथ योजना में जो पैकेज, अवॉर्ड और मेडल का प्रावधान किया है, वह युवाओं को सेना में आकर्षित करने का काम करेगा। दसवीं और बारहवीं के बाद पहले ही साल में 30 हजार रुपए प्रतिमाह का पैकेज किसी सरकारी या प्रायवेट जॉब में संभव नहीं है। चौथे साल में यह पैकेज 40 हजार रुपए तक पहुंच जाएगा। सबसे अच्छी बात यह है कि चार साल की सेवा के बाद युवाओं के लिए सेना में नौकरी की संभावना बनी रहेगी। करीब 25 फीसदी युवाओं को आगे भी सेना में काम करने का मौका मिलेगा। वहीं सेवा निधि के रूप में मिलने वाली एक मुश्त राशि युवाओं को अपना रोजगार शुरू करने में भी सहायता कर सकती है।
ग्रेजुएट को भी नहीं मिलता इतना पैकेज
बेरोजगारों को लेकर किए गए एक सर्वे के मुताबिक देश में ग्रेजुएट युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में भी इतना पैकेज उपलब्ध नहीं है, जितना सरकार ने अग्निवीरों के लिए तय किया है। आज एमबीए पास युवा भी बमुश्किल 15 - 20 हजार प्रतिमाह के पैकेज पर काम कर रहे है। हर साल मिलने वाला इंक्रीमेंट भी आज प्रायवेट सेक्टर में मुश्किल है। इसे देखते पहली भर्ती में ही लाखों की संख्या में ग्रेजुएट्स (graduate) और पोस्ट ग्रेजुएट्स (post graduate) भी सेना से जुड़कर अपना भविष्य बना सकते हैं।
10 लाख नौकरियां खोलेंगी खुशियों की राह
प्रधानमंत्री मोदी ने डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियां देने का ऐलान किया है। उन्होंने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिए हैं कि अभियान चलाकर खाली पद भरे जाएं। देश भर में सरकारी क्षेत्रों में करीब 60 लाख पद विभिन्न संवर्गों के सालों से खाली पड़े हैं। इनमें से करीब 30 लाख केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत विभागों, कार्यालयों, आयोग आदि में रिक्त हैं। यदि राज्य सरकारें भी अपने कोटे के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करती है तो न केवल बेरोजगारी मिटाने की दिशा में काम हो सकेगा, बल्कि परिवारों में खुशियां बढ़ाने वाला कदम साबित होगा।
अग्निपथ से बन सकेंगे एनएसजी के कमांडो
पैरामिलिट्री फोर्स: गृहमंत्री अमित शाह ने अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान किया। कहा कि सेना में चार साल सेवा करने के बाद अग्निवीरों को सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स की भर्ती में वरीयता (Preference) मिलेगी। इनमें बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पैरामिलिट्री फोर्स को भी फायदा मिलेगा और सेना से सेवा खत्म होने के बाद अग्निवीर भी बेरोजगार नहीं घूमेंगे।
असम राइफल्स : गृहमंत्रालय ने असम राइफल्स की भर्ती में भी अग्निवीरों को वरीयता देने का फैसला लिया है। असम राइफल्स भी एक तरह से पैरामिलिट्री फोर्स का ही हिस्सा है।
मध्य प्रदेश पुलिस : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सेना में 4 साल की सेवा करने के बाद युवाओं को मध्य प्रदेश पुलिस की भर्ती प्रक्रिया में भी वरीयता मिलेगी।
केंद्रीय विभाग : अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल की नौकरी करने के बाद युवाओं को केंद्र सरकार के तमाम विभागों में वरीयता देने की तैयारी है। इसमें रेलवे, डाक, स्वास्थ्य विभाग, खेल विभाग शामिल है।
सिविल सर्विसेज : आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के लिए होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा में भी अग्निवीरों को वरीयता मिलेगी।
सेना में अफसर बनने का भी विकल्प : अग्निवीरों के पास सेना में चार साल की सेवा देने के बाद अफसर बनने का विकल्प भी होगा। ऐसे नौजवान अपनी पढ़ाई पूरी करके सीडीएस और शॉर्ट सर्विसेज के जरिए सेना में अफसर बन सकते हैं। रिटायर्ड कर्नल अशोक मोर बताते हैं कि सीडीएस में आयु सीमा 25 साल की होती है, जबकि शार्ट सर्विसेज में 26 साल। ऐसे में अगर कोई युवा साढ़े 17 साल में अग्निवीर बनता है तो उसे सेना में साढ़े 21 साल की उम्र तक सेवा देनी होगी। इसके बाद ग्रेजुएट करके वह सीडीएस और शॉर्ट सर्विसेज के लिए एलिजिबल (Eligible) होगा।