NEW DELHI. 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों से बीजेपी गदगद है, उसने न केवल 3 राज्यों में बहुमत हासिल किया, मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक 48.55 फीसदी वोट हासिल किए बल्कि राज्यसभा में भी ज्यादा सीटें हासिल करने की ताकत जुटा ली है। लेकिन आम चुनावों के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो 5 राज्यों में हुए चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस के बनिस्बत 10 लाख वोट कम मिले हैं। हालांकि इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि तेलंगाना में बीजेपी का उतना जनाधार नहीं है। जिसे लेकर सवाल उठाने वाले यह कह रहे हैं कि बीजेपी की राह आम चुनावों में उतनी आसान नहीं है। कांग्रेस यदि थोड़ी मेहनत भी कर ले तो बीजेपी को कई सीटों पर नुकसान उठाने विवश कर सकती है।
पीएम मोदी का है यह दावा
विधानसभा चुनाव परिणामों की जीत के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि इन चुनाव परिणामों की गूंज दूर तक जाने वाली है। पूरी दुनिया में इसकी गूंज सुनाई देगी। लोग तो कह रहे हैं कि आज की इस हैट्रिक ने 2024 की हैट्रिक की गारंटी दे दी है। दरअसल पीएम मोदी और बीजेपी को इसका अहसास इसलिए है क्योंकि 3 राज्यों में बहुमत मिलने के बाद उसने लगभग-लगभग पूरी हिंदी पट्टी पर कब्जा कर लिया है और जिन राज्यों में बीजेपी सरकार में है, वहां देश की 45 फीसदी से ज्यादा आबादी निवास करती है। ऐसे में यदि वह महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार और बंगाल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में 2019 का प्रदर्शन दोहराती है तो उसकी जीत सुनिश्चित है।
पीएम के बयान को बीजेपी के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। बीजेपी आत्मविश्वास से लबरेज पार्टी है, लेकिन उसे यह ध्यान रखना ही होगा कि 5 राज्यों के चुनाव में उसे कांग्रेस से 10 लाख वोट कम मिले हैं। कांग्रेस ओवरऑल 5 राज्यों में कमजोर जरूर हुई है लेकिन उसकी साख अभी भी मजबूत है। ऐसे में यह कहना कि इंडिया गठबंधन के बिखराव के बाद बीजेपी को वॉक ओवर मिल जाएगा ऐसा नहीं है।
मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिले कांग्रेस को 40 फीसदी से ज्यादा वोट
कांग्रेस को भी इस हार से ज्यादा निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उसे हिंदी पट्टी के मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 40 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं। तेलंगाना में कांग्रेस ने सरकार बनाई है। मध्यप्रदेश को छोड़ भी दिया जाए तो छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उसके प्रत्याशियों की हार का अंतर भी कुछ ज्यादा नहीं है। मध्यप्रदेश में वोट प्रतिशत में जरूर कांग्रेस 8 फीसदी वोटों से पीछे है लेकिन छत्तीसगढ़ में यह अंतर 4 प्रतिशत और राजस्थान में 2 फीसदी का है।
लोकसभा सीटों का गणित
जिन राज्यों में हाल ही में चुनाव हुए उनमें से हिंदी पट्टी के 3 राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 65 सीटें हैं। इन 65 में कांग्रेस के सांसद महज 3 हैं। जबकि बीजेपी का 61 सीटों पर कब्जा है। 1 सीट अन्य के पास है। बीजेपी के सामने यह चुनौती है कि वह अपनी सभी 61 सीटों को बचाए बल्कि इसमें इजाफा भी करे।
तेलंगाना की बात की जाए तो 2019 में बीजेपी यहां 4 लोकसभा सीटें जीती थी। जबकि यहां उसका मात्र एक विधायक था। बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि पार्टी ने तेलंगाना में 700 फीसदी गेन किया है, इसलिए लोकसभा चुनाव में भी अप्रत्याशित नतीजे सामने आएंगे।
आम चुनाव में बढ़ सकता है वोट शेयर
राजनैतिक पंडित कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जितने वोट मिले, उतने ही यदि आम चुनाव में मिलते हैं तो निश्चित रूप से इसका फायदा कांग्रेस को सीटों में भी मिलेगा, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसकी उम्मीद कम है क्योंकि ज्यादातर लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत ही बढ़ता नजर आया है। बीते आम चुनाव में इन 5 राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर 55 फीसदी था। जबकि कांग्रेस का 35 फीसदी।
कांग्रेस के पास खोने के लिए कम और पाने के लिए ज्यादा
राजनैतिक पंडित कह रहे हैं कि अब कांग्रेस के पास खोने के लिए बहुत कम बचा है, और पाने के लिए काफी कुछ है। अब इसके लिए जीतोड़ मेहनत कांग्रेस को ही करनी है, देखना यह होगा कि वह आम चुनावों को कितना संजीदगी से लेती है, उसके प्रयास लोगों को दिखने भी चाहिए।