झीरम घाटी पर जस्टिस मिश्रा की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, नेता प्रतिपक्ष की याचिका

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
झीरम घाटी पर जस्टिस मिश्रा की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, नेता प्रतिपक्ष की याचिका

याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. 2013 के झीरम घाटी नक्सल हमले की वो न्यायिक जांच रिपोर्ट जोकि जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता वाली एकल सदस्यीय ने तैयार की थी, उसे सार्वजनिक करने की मांग के साथ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।



क्या है झीरम मामला



2013 चुनावी साल था और उस समय में तत्कालीन पीसीसी चीफ नंद कुमार पटेल के नेतृत्व में प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाली गई थी। 25 मई 2013 को जब ये परिवर्तन यात्रा सुकमा से लौट रही थी तो झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला किया था। इस हमले में 29 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें तत्कालीन पीसीसी चीफ नंद कुमार पटेल, कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार समेत कई बड़े नाम शामिल थे। इस घटना को देश का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड माना गया है। ये माओवादियों का एक ऐसा हमला था जिसमें कांग्रेस की एक पीढ़ी ही खत्म हो गई थी। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए और राज्य में भाजपा की सरकार थी। माओवादियों के इस हमले को लेकर कांग्रेस ने सुरक्षा मानकों की अवहेलना समेत छत्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।



जस्टिस मिश्रा जांच आयोग



झीरम घाटी हमले की जांच के लिए 28 मई 2013 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पदस्थ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। करीब दस साल तक इस आयोग ने जांच की और 4 हजार 184 पन्नों की जांच रिपोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने झीरम आयोग के सचिव एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) संतोष कुमार तिवारी के जरिए सीधे राज्यपाल को बीते 6 नवंबर 2021 को सौंपी गई। न्यायिक जांच रिपोर्ट को सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने से सूबे की सियासत फिर सरगर्म हो गई। कांग्रेस की आपत्ति सामने आई कि ये रिपोर्ट राज्यपाल को क्यों दी गई, क्योंकि न्यायिक जांच रिपोर्ट अब तक सीधे राज्य सरकार को सौंपने की परंपरा है। इधर भाजपा की ओर से राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपने का आशय ये निकाला गया कि, इस रिपोर्ट में वर्तमान सरकार में प्रभावी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के खिलाफ टिप्पणी अथवा निष्कर्ष है। हालांकि ये रिपोर्ट राज्य सरकार के पास राज्यपाल के द्वारा भेजी गई और राज्य सरकार ने आयोग की इस रिपोर्ट को अपूर्ण बताते हुए तीन नए बिंदुओं के साथ नया जांच आयोग बना दिया।



जांच के लिए बनाया नया आयोग



राज्य सरकार ने 11 नवंबर 2021 को आदेश निकाला और जांच आयोग में दो सदस्य जिनमें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के अग्निहोत्री को आयोग का अध्यक्ष और न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्दीन आयोग का सदस्य बनाया। जांच में तीन नए बिंदु भी शामिल किए गए।



याचिका दायर, तारीख तय नहीं



जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता वाली न्यायिक जांच रिपोर्ट को ही विधानसभा पटल पर रखे जाने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की ओर से अधिवक्ता विवेक शर्मा ने पेश की है। ये याचिका अभी हाईकोर्ट में केवल दायर की गई है, इसमें विचारण के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं है।

 


छत्तीसगढ़ Chhattisgarh BJP बीजेपी नेता प्रतिपक्ष High Court Raipur रायपुर झीरम घाटी हमला Dharamlal Kaushik धरमलाल कौशिक Cg Report झीरम घाटी public Jhiram attack jhiram ghati justice Mishra's report जस्टिश मिश्रा रिपोर्ट