BHOPAL: भद्रा ने बदला राखी का शेड्यूल, रक्षाबंधन के दिन भाइयों की कलाई सूनी, कल भी रहेगा शुभ मुहूर्त

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Pratibha Rana
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BHOPAL: भद्रा ने बदला राखी का शेड्यूल, रक्षाबंधन के दिन भाइयों की कलाई सूनी, कल भी रहेगा शुभ मुहूर्त

BHOPAL. आज यानी 11 अगस्त को दिन भर राखी बांधने का शुभ मुहुर्त नहीं है लेकिन राखी खरीदारी के लिए पूरा दिन शुभ ​​​​​​है। इस वजह से बाजारों में भीड़ लगी है। रक्षाबंधन पर दिनभर भाइयों की कलाई सूनी रहेगी। बहनें रात में ही अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगी। इस बार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त एक नहीं बल्कि दो दिन रहेगा। देशभर में धूमधाम से रक्षाबंधन सेलिब्रेट की जा रही है। राखी बहन की रक्षा का सूत्र है तो इसमें समाया है भाई की समृद्धि का संकल्प। ये त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का बंधन भी है। इस पवित्र दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई भी अपनी बहन को रक्षा का वादा करते हैं। आइए जानते हैं, इस बार कब है शुभ मुहूर्त और किस तरीके से इस त्यौहार को मनाना रहेगा सभी के लिए शुभ।   



11-12 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन



11 अगस्त को दिन में भद्रा नक्षत्र होने से राखी नहीं बांधी जा सकेगी। इस दिन भद्रा होने की वजह से सुबह से लेकर शाम तक बहने अपने भाइयों को राखी न बांधे। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात  में केवल 8.25 से 9.45 तक रहेगा। इस समय आप अपने भाई को राखी बांध सकते है। इसके बाद अगले दिन यानी 12 अगस्त को भी सुबह 7.05 तक पूर्णिमा रहेगी। जिसके चलते इस बार रक्षाबंधन दो दिन यानी 11 और 12 अगस्त को मनाया जाएगा।



रक्षा बंधन



भाई को राखी बांधते वक्त ये मंत्र पढ़े




  • ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल


  • तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल 



  • पूरे दिन खरीद सकेंगे राखी



    भद्रा लगने के साथ-साथ आज आयुष्मान, सौभाग्य और ध्वज योग है। साथ ही शंख, हंस और सत्कीर्ति नाम के राजयोग भी बन रहे हैं। गुरु-शनि वक्री होकर अपनी राशियों में रहेंगे। नतीजन गुरूवार का पूरा दिन खरीददारी के लिए शुभ है। ऐसे योग लगभग दो सौ साल बाद बने हैं। इस संयोग से रक्षाबंधन सुख-समृद्धि और आरोग्य देने वाला रहेगा।



    गणेशजी को राखी बांधकर करें त्योहार की शुरूआत  



    वेदों में कहा गया है कि,गणेशजी को राखी बांधकर त्योहार की शुरूआत करने चाहिए। ऐसे में पर्व के दौरान आने वाले खराब योगों का असर काफी कम हो जाता है। इसके अलावा जिसका कोई भाई नहीं है या फिर किसी का भाई दूर रहता है और आना संभव नहीं है। ऐसी बहनें गणेशजी और कृष्णजी को राखी बांधकर रक्षाबंधन सेलीब्रेट कर सकतीं हैं। परंपरा है कि बहनें पूर्णिमा से जन्माष्टमी तक किसी भी दिन अपने भाई को राखी बांध सकती है।


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