NEW DELHI. देश की सबसे हाई-प्रोफाइल स्टार्टअप्स कंपनियों में से एक बायजू मुसीबत में घिर गई है। प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) को बायजू के खिलाफ फेमा की जांच में 9 हजार करोड़ की गड़बड़ी मिली है। ईडी ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हालांकि, कंपनी ने किसी तरह के नोटिस से इनकार किया है।
यहां बता दें, इस साल की शुरुआत में ईडी ने बायजू से जुड़े परिसरों पर छापामारी की थी। जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किया गया।
बायजू के साथ लगातार अपसेट
बायजू के साथ लगातार अपसेट हो रहा है। कंपनी ने ऐड टेक सेक्टर में कम समय में नाम और पैसा दोनों कमाया है। उसका बुरा वक्त कुछ इस तरह शुरू हुआ। पहले उसके स्टूडेंट्स ने साथ छोड़ा फिर डायरेक्टर बोर्ड ने रिजाइन किया। इसके बाद इनकम टैक्स और ईडी के जांच दायरे में आई कंपनी। अब कंपनी पर फेमा की नई मुसीबत टूट पड़ी है। बायजू अब विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी फेमा (FEMA) नियमों के घेरे में आ गई है। ईडी की जांच में बायजू द्वारा करीब 9,000 करोड़ रुपए की गड़बड़ी सामने आई है।
इसलिए कंपनी को नोटिस दिया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईडी का कहना है कि फेमा, 1999 के तहत 9362.35 करोड़ रुपए की राशि के उल्लंघन के लिए थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बायजू रवींद्रन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। ईडी के सूत्रों के अनुसार बायजू ने 2011 और 2023 के बीच लगभग 28,000 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया। यह भी जानकारी मिली कि कंपनी प्रमुख ने विदेशी प्रत्यक्ष के नाम पर इसी अवधि में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर विदेशी न्यायक्षेत्रों में लगभग 9,754 करोड़ रुपए भेजे गए।
कंपनी ने नोटिस से किया इनकार
बायजू कंपनी प्रमुख ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है कि उसे ऐसा कोई संचार नहीं मिला है। बयान में कहा गया है, 'बायजू स्पष्ट रूप से उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन करता है जो बायजू पर फेमा के किसी भी उल्लंघन का संकेत देती हैं। कंपनी को अधिकारियों से ऐसा कोई संचार नहीं मिला है।'
कोविड के दौरान कंपनी के ऐप ने काफी लोकप्रियता हासिल की
बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 2011 में इंजीनियरों और टीचर बायजू रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने की थी। शुरुआत में उन्होंने कॉम्पटेटिव एग्जाम के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम पेश किए। हालांकि, बाद में साल 2015 में कंपनी ने बायजू लर्निंग ऐप लॉन्च किया, जो तेजी से उभरा। फिर दो साल बाद उन्होंने बच्चों के लिए एक मैथ ऐप लॉन्च किया। 2018 तक बायजू के 1.5 करोड़ से अधिक यूजर थे, क्योंकि कंपनी छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों घरों तक पहुंच गई थी। ऐप की लोकप्रियता को कोविड महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिला, जब स्कूल बंद हो गए और बच्चों को शिक्षा के डिजिटल मोड में ट्रांसफर करना पड़ा।