नई दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 16 नवंबर को बच्चों के अश्लील वीडियो बनाने और उन्हें शेयर करने (Child Pornography) के मामले 76 लोकेशन पर छापेमारी की। अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक, 14 नवंबर को इस मामले में 83 आरोपियों के खिलाफ (23 नामजद) FIR की गई थीं।
14 राज्यों में छापे
CBI के आरसी जोशी ने एक वेबसाइट को बताया कि 14 राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग जगहों पर छापा मारा। जहां छापे मारे गए, उनमें मध्य प्रदेश के 3 बड़े शहर शामिल हैं।
बच्चों के खिलाफ साइबर क्राइम के मामले 400% बढ़े
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के पिछले दिनों जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में बच्चों के खिलाफ साइबर क्राइम 2019 की तुलना में 2020 में 400% से ज्यादा केस बढ़े। इनमें से ज्यादातर मामले यौन कार्यों में बच्चों को दिखाने वाली सामग्री के प्रकाशन और प्रसारण (Publication & Broadcast) से जुड़े हैं।
UP में सबसे ज्यादा 170 मामले
NCRB के 2020 के आंकड़ों के मुताबिक, बच्चों के खिलाफ हुए ऑनलाइन क्राइम के उत्तर प्रदेश (UP) में सबसे ज्यादा 170 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र का नंबर है। यहां बच्चों के खिलाफ हुए क्राइम के 144 और 137 मामले दर्ज किए गए। केरल (107) और ओडिशा (71) इस लिस्ट में चौथे और पांचवें नंबर पर हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जज ने आगाह किया था
बच्चों के अधिकारों को लेकर पिछले महीने हुए एक संवाद कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस यूयू ललित ने कहा था कि सिर्फ बाल तस्करी (Child Traffiking) और बाल शोषण (Child Harassment) ही नहीं, चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक ऐसी चीज है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।