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NEW DELHI. दिल्ली में मुख्यमंत्री केजरीवाल के शासकीय आवास के रेनोवेशन के संबंध में दिल्ली सरकार के अज्ञात लोकसेवकों के खिलाफ अनियमितता और कदाचार की जांच के लिए सीबीआई ने प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली है। बुधवार को इस बारे में सीबीआई की ओर से जानकारी दी गई। इस बाबत सीबीआई ने बंगले के रेनोवेशन संबंधी समस्त दस्तावेज, टेंडर डॉक्युमेंट, सिफारिश और मंजूरी के दस्तावेज तलब किए हैं।
यह होती है प्रारंभिक जांच
दरअसल सीबीआई प्रारंभिक जांच यानि पीई इसलिए दर्ज करती है ताकि यह देखा जा सके कि मामला दर्ज करने के लिए प्रथम दृष्टया कोई साक्ष्य मौजूद है या नहीं। सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी विंग ने लोक निर्माण विभाग को सोमवार को चिट्ठी लिखी और आवास संबंधी रिकॉर्ड तलब किए हैं। बता दें कि दिल्ली सीएम केजरीवाल के सरकारी आवास पर करीब 45 करोड़ रुपए रेनोवेशन के नाम खर्च करने की जानकारी सामने आने के बाद कई आरोप लग रहे थे। विपक्ष ने भी इस पर जमकर हल्ला मचाया था।
यह दस्तावेज किए तलब
सीबीआई ने पीडब्ल्यूडी से निर्माण संबंधी सिफारिश और अनुमति, निविदा प्रक्रिया के दस्तावेज, ठेकेदारों द्वारा लगाई गई बोली, रेनोवेशन में उपयोग में लाई गई सामग्री संबंधी दस्तावेज के साथ-साथ परियोजना के सलाहकार और ठेकेदार को किए गए भुगतान संबंधी दस्तावेज तलब किए गए हैं।
बीजेपी लगातार उठा रही थी मुद्दा
सीएम आवास में पुनर्निमाण को लेकर कथित फिजूलखर्ची के आरोपों के साथ बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोला था और केजरीवाल को उनका वह वादा याद दिलाया गया जिसमें उन्होंने सीएम पद पर रहते हुए सामान्य घर में रहने का वादा किया था। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह कोशिश भी आम आदमी पार्टी को दिल्ली में काम करने से रोकने की साजिश का एक हिस्सा है। पार्टी का यह भी कहना है कि इसी साजिश के तहत दिल्ली के दो-दो मंत्रियों को महीनों से जेल में बंद करके रखा गया है।