Lucknow. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता और विधायक आजम खान (Azam Khan) की मुसीबते कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक बार फिर उन पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है। भले ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिल गई हो लेकिन रामपुर (Rampur) की एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) से उन्होंने राहत नहीं मिलती दिख रही है। शुक्रवार को उनके खिलाफ सात मामलों में आरोप तय कर दिए गए हैं। इन सात मामलों में से तीन मामले यतीमखाना प्रकरण से संबंधित हैं, जबकि चार मामले थाना गंज डूंगरपुर से संबंधित हैं। यतीमखाना प्रकरण में आजम खान पर बकरी चोरी और भैंस चोरी के आरोप हैं जिसमें बकरी चोरी, भैंस चोरी और लूटपाट के दौरान गाली-गलौज के आरोप हैं। इसमें आजम खान के इशारे पर घरों पर बुलडोजर चलाने का आरोप है। कोर्ट के समक्ष पेशी में आजम खान समेत वीरेंद्र गोयल, फसाहत शानू, ओमेंद्र चौहान सारे मुलजिमान शनिवार को न्यायालय पहुंचे. जिनके समक्ष आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी हुई. अब अदालत में मुकदमा तेजी से चलेगा, गवाहों की पेशी होगी और उसके बाद अदालत में फैसले सुनाए जाएंगे.
क्या बोले वकील
सरकारी वकील कमल गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को आजम खान के सात मामले में चार्ज फ्रेम हुआ है. जिसमें तीन मामले थाना कोतवाली से संबंधित हैं और चार मामले थाना गंज से डूंगरपुर वाले मामले में चार्ज फ्रेम हुआ है. सारे आरोपी आजम खान, वीरेंद्र गोयल, फसाहत शानू, ओमेंद्र चौहान न्यायालय आए थे. न्यायालय में इनके ऊपर चार्ज फ्रेम कर दिया गया है और आरोप तय कर दिए हैं. तीन मामले तो थाना कोतवाली से संबंधित हैं और चार मामले थाना गंज से डूंगरपुर से संबंधित हैं, जहां मकान तोड़े गए और जबरन कब्जा किया गया है।
कब होगी अगली सुनवाई
वकील ने बताया कि इन आरोपियों द्वारा अब इनके खिलाफ, इन सभी मामलों में आरोप तय हुए हैं, उनमें मुकदमा चलेगा। गावाह को तलब किया जाएगा। यतीम खाने के प्रकरण में भी इन आरोपियों पर आरोप तय किए गए हैं। न्यायालय द्वारा इन आरोपियों द्वारा यतीम खाने में तोड़फोड़ और लूटपाट की है। मकानों पर बुलडोजर चलवाए गए हैं और उन्हें बेघर कर दिया गया है। इसमें अगली डेट कुछ में 28 जुलाई लगी है। कुछ मामलों में 30 जुलाई लगी है।
2 साल सीतापुर जेल में बंद रहे
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं. वे 27 महीने जेल में रहे थे। न केवल आजम खान बल्कि उनकी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला भी जेल में रहे। आजम के परिवार जमीनों पर कब्जे, भ्रष्टाचार सहित कई आरोप हैं। उन पर आरोपों की लंबी फेहरिस्त है।
एक नजर आजम और उनके परिवार पर आरोपों पर
1. मजदूरों के हक का पैसा दबाने का आरोप
नियम यह है कि जब कोई बिल्डिंग बनवाता है तो उसकी कीमत का 1 फीसदी लेबर डिपार्टमेंट में जमा करता है। इस पैसे से उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड मजदूरों के विकास के लिए काम करवाता है। जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण लागत के आधार पर 4.5 करोड़ रुपये आजम खान को जमा करने थे, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध ली. बाद में स्थानीय भाजपा नेता आकाश सक्सेना के हो-हल्ला मचाने पर 4.5 करोड़ में से 1 करोड़ 37 लाख रुपये जमा कर दिये।
2. 1975 में जेल गये दूसरे मामले में, पेंशन ले ली लोकतंत्र सेनानी की
आजम खान को 1975 में लगी इमरजेन्सी के दौरान जेल जाने के एवज में हर महीने 20 हजार रुपये की पेंशन मिला करती थी। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार की मुखालफत करने वालों को यह पेंशन दी जाती है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना का कहना है कि आजम खान इन्दिरा सरकार के विरोध के कारण जेल नहीं गये थे, बल्कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में किये गये एक आपराधिक मामले में जेल गये थे, अब पेंशन रोक दी गयी है।
3. बिजली चोरी का जुर्माना चुकाया तब भरा पर्चा
आजम खान की पत्नी और रामपुर से विधायक तंजीम फातमा वर्ष 2019 में चुनाव ही नहीं लड़ पातीं यदि उन्होंने 30 लाख का भारी भरकम जुर्माना बिजली विभाग को न चुकाया होता। उनके हमसफर रिसॉर्ट में बिजली चोरी पकड़ी गयी थी और बिजली विभाग ने इसके एवज में 30 लाख का जुर्माना ठोका था। इसे भी जमा नहीं किया जा रहा था, लेकिन नामांकन दाखिल के लिए जुर्माना जमा करने की मजबूरी थी।
4. अब्दुल्ला आजम से 63 लाख की रिकवरी
यूपी विधानसभा के प्रमुख सचिव ने नोटिस भेजकर आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को 63 लाख रुपये सरकारी खजाने में जमा करने को कहा था, यह नोटिस कई महीने पहले भेजी गया था। असल में फर्जी कागजात के आधार पर अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़े और जीत गय़े. जब फर्जीवाड़ा साबित हुआ तो उनकी विधायकी चली गयी। अब विधानसभा के प्रमुख सचिव कह रहे हैं कि विधायक रहते जितनी तनख्वाह और भत्ते लिये वो सब सरकारी खजाने में जमा करो।
5. सरकारी जमीन पर बना डाला रिसॉर्ट
आजम खान पर 5 लाख 32 हजार का जुर्माना कोर्ट ने लगाया है, क्योंकि आजम खान का हमसफर रिसॉर्ट सरकारी जमीन पर बनाया गया था।
6. पीडब्ल्यूडी को 3.27 करोड़ की देनदारी
सरकारी सड़क पर जौहर यूनिवर्सिटी का गेट बना देने के कारण कोर्ट ने आजम खान पर 3 करोड़ 27 लाख का जुर्माना लगाया था।