रायपुर. छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक की नीलामी का मामला सामने आया है। नीलामी के बाद मिलने वाले राजस्व में प्रदेश को करीब 900 करोड़ का झटका लगने की आशंका है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला स्थित गारे-पेलमा में केंद्र सरकार ने कोल ब्लाक की नीलामी की है। नीलामी में कोयला 342.25 रुपए प्रति टन के दाम पर बेचा गया है। यह पांच साल पहले की उस कीमत के एक चौथाई से भी कम है, जिसे सरकार ने बहुत कम कहकर खारिज किया था।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को होगा नुकसान
छत्तीसगढ़ के जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि बोलीकर्ता को राज्य सरकार के राजस्व की कीमत पर सहूलियत भाजपा सरकार में ही मिल सकती है। 2015 में चोटिया कोल ब्लाक की नीलामी 3,200 रुपये प्रति टन में की गई थी। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन (CBA) के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि 2015 के बाद आवंटित 72 में से सिर्फ 20 खदानें ही प्रारंभ हुई है। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन (सीबीए) के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि गारे-पेलमा 4/1 में कम बोली मिलने का सीधा नुकसान छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को होगा, क्योंकि इन खदानों से अब बहुत कम राजस्व की प्राप्ति होगी।
4 खदानों को मिलीं 5 से अधिक बोली
कोयला कारोबार से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि वर्तमान परिस्थिति में देश में कोयले की इतनी बड़ी मात्रा में जरूरत नहीं है। विदेशी कंपनियों ने भी कोरोनाकाल में बोली लगाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। यही कारण है कि सिर्फ चार खदानों को ही पांच से अधिक बोलियां मिलीं, जबकि 10 खदानों के लिए तीन से अधिक कंपनियों ने बोलियां लगाई।