नई दिल्ली. 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी साबित हो रहे हैं। इसकी वजह भी है। उत्तर प्रदेश में देश की सबसे पुरानी पार्टी को एक सीट मिली है। इस पर कांग्रेस में मंथन और नाराजगी का दौर जारी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में पार्टी नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सिब्बल ने गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ने और किसी अन्य नेता को लीडरशिप देने की बात कही है। जानें, सिब्बल ने क्या कहा....
हम सामने से लीड करने में नाकाम: हमें कई बार अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। जिन राज्यों में हम प्रासंगिक होने की उम्मीद करते हैं, वहां वोट प्रतिशत करीब ना के बराबर है। यूपी में हमारे पास 2.33% वोट शेयर है, यह मुझे आश्चर्यचकित नहीं करता। हम वोटर से जुड़ने में नाकाम हैं। हम सामने से नेतृत्व करने में असमर्थ हैं, लोगों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। हमारी पहुंच बहस का विषय है। जैसा कि गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक नेता में पहुंच, जवाबदेही और स्वीकार्यता के गुण होने चाहिए। 2014 के बाद से जवाबदेही का अभाव, घटती स्वीकार्यता और पहुंच बढ़ाने के लिए बहुत कम कोशिशें हुई हैं। यही असल समस्या है। इसलिए नतीजों ने मुझे चौंकाया नहीं।
'घर की कांग्रेस' की जगह 'सब की कांग्रेस' चाहिए: अब वक्त आ गया है कि 'घर की कांग्रेस' की जगह 'सब की कांग्रेस' हो। इस बार के नतीजों का अंदाजा पहले से था। हम 2014 से लगातार नीचे जा रहे हैं। हमने राज्य दर राज्य खोया है। जहां हम सफल हुए, वहां भी हम अपने कार्यकर्ता को एक साथ नहीं रख पाए। इस बीच कांग्रेस से कुछ अच्छे लोग छोड़कर चले गए। जिन लोगों में नेतृत्व का भरोसा था, वे कांग्रेस से दूर जा रहे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी लीडरशिप के करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। मैं आंकड़े देख रहा था। 2014 से अब तक करीब 177 सांसद-विधायक के साथ-साथ 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं। हमने इतिहास में किसी अन्य राजनीतिक दल में इस तरह का पलायन नहीं देखा।