रायपुर. 18 जनवरी को छत्तीसगढ़ के निलंबित ADG जीपी सिंह को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने जीपी सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये पहली बार है जब किसी IPS अफसर को कोर्ट ने जेल भेजा है। EOW की टीम ने 11 जनवरी को जीपी सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। आज जीपी सिंह की रिमांड खत्म हो रही थी। लेकिन कोर्ट ने सुनवाई में जेल भेजने का आदेश दिया।
खराब स्वास्थ्य की दलील: कोर्ट में जीपी के वकील ने दलील दी कि सिंह जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। पुलिस सिंह पर प्रेशर बना रही है। इस कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। वहीं, कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान जीपी सिंह ने कहा था कि, मैं शुरू से कह रहा हूं कि ये पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस है। नागरिक आपूर्ति निगम की जांच कर रहा था तब गवाहों को हॉस्टाइल करने कहा गया, इस मामले में रमन सिंह और वीणा सिंह को फंसाने के लिए कहा गया था।
EOW की टीम ने दिल्ली से दबोचा: 11 जनवरी को EOW ने जीपी सिंह (IPS GP singh arrest) को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। वह पिछले 6 महीने से फरार चल रहे थे। ACB और EOW की टीम उनकी खोजबीन में जुटी हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीपी सिंह को उस दौरान पकड़ा गया, जब वह अपने वकील से मिलकर चेंबर से बाहर आए थे। दरअसल, जीपी सिंह के 15 से अधिक ठिकानों पर 6 महीने पहले छापे की कार्रवाई की गई थी। ये छापेमारी ACB और EOW की टीम ने की थी। कार्रवाई में 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति मिली थी। बंगले के पीछे गटर से कई डॉक्यूमेंट्स मिले थे। इन्हें ही राजद्रोह के लिए साक्ष्य माना गया।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई थी: जीपी सिंह जुलाई 2021 से फरार थे। उन पर आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह जैसे मामलों दर्ज है। इसके अलावा सिंह पर भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का भी आरोप है। उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।
महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके: जीपी सिंह 1994 बैच के IPS अधिकारी हैं। वह दुर्ग संभाग के IG रह चुके हैं, और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध ब्यूरो के प्रमुख थे। भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। बता दें कि पुलिस ने कोर्ट में जीपी के खिलाफ 400 पन्ने का चालान पेश किया था।
पहले IPS, जिन पर राजद्रोह का केस: जीपी सिंह भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पहले अफसर हैं, जिन पर प्रदेश में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। ACB ने सिंह के सरकारी बंगले पर 1 जुलाई की सुबह 6 बजे छापा मारा था। इसके साथ ही 15 अन्य ठिकानों पर भी एक साथ कार्रवाई की गई थी। करीब 68 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कार्रवाई के दौरान 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले के पीछे गटर से कई डॉक्यूमेंट्स मिले थे। इन्हें ही राजद्रोह के लिए साक्ष्य माना गया है।