कोरोना संकट के बीच देश के पूर्वी राज्यों में एक नई मुसीबत सामने आ खड़ी हुई है। बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान जवाद के शनिवार सुबह ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों से टकराएगा। इसके साथ ही रविवार दोपहर तक तूफान के पुरी तट से भी टकराने की आशंका है।मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जवाद तूफान को लेकर देशभर में अलर्ट जारी कर दिया है।
110 KM प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
यास और गुलाब के बाद यह तीसरा तूफान है जो इस साल ओडिशा पहुंच रहा है।इस दौरान करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए NDRF की 46 टीमें तैनात की गई थीं। तूफान के कारण शनिवार और रविवार की सुबह आंध्र और ओडिशा में तेज बारिश होगी।मछुआरों को आज से लेकर अगले 2-3 दिनों तक बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
सैंड आर्ट फेस्टिवल नहीं होगा
साइक्लोन जवाद के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 12वें इंटरनेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल को टालने का फैसला लिया है। यह फेस्टिवल प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर के पास आयोजित किया जा रहा था। इसे कोणार्क फेस्टिवल भी कहते हैं। इसमें देशभर के सैंड आर्टिस्ट शामिल होकर तरह-तरह की कलाकृतियां बनाते हैं।
क्यों 'जवाद' पड़ा इसका नाम?
जवाद एक अरबी शब्द है। इसका मतलब उदार या दयालु होता है। इसलिए माना जा रहा है कि तूफान ज्यादा खतरनाक नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस तूफान का नाम सउदी अरब के सुझाव पर रखा गया है। पिछले साल आए अम्फान साइक्लोन के कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
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