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नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में अभी तक अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) इंडिया गेट (India Gate) की पहचान हुआ करती थी, लेकिन अब यह इंडिया गेट की जगह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ( National War Memorial) पर जलेगी। 21 जनवरी को इसका विलय कर दिया गया।
भारत-पाक युद्ध के बाद बनाई गई थी: इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार ने 1914-21 के बीच जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की याद में बनाया था। इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण 1972 में इंडिया गेट के नीचे 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था।
1971 के युद्ध (Indo-PAK War) के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है। इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के रूप में जलने वाली लौ का गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलने वाली लौ में विलय कर दिया जाएगा।
वीर जवानों का मेमोरियल: अमर जवान ज्योति स्मारक में एक उल्टी बंदूक और उस पर सैनिक का हेलमेट बना हुआ है, जिसके बगल में एक शाश्वत ज्योति (कभी नहीं बुझने वाली लौ) जल रही है। 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, तो यह फैसला लिया गया था कि अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जाएगी।
अमर जवान ज्योति का खास महत्व: राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण से पहले गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र प्रमुख, सेना प्रमुख और अतिथि प्रतिनिधि अमर जवान ज्योति पर ही शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते थे, लेकिन बाद में इस प्रकिया को नेशनल वॉर मेमोरियल में स्थानांतरित कर दिया गया।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक: यहां पर एक नई अमर जवान ज्योति लौ जलाई गई है। अब सभी मौकों पर यहीं शहीदों के लिए श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों और गुमनाम नायकों की याद में बनाया गया, जिन्होंने आजादी के बाद से देश की रक्षा करते हुए अपनी जान दे दी। नया स्मारक इंडिया गेट परिसर में 40 एकड़ में फैला है, जिसकी दीवारों पर शहीद सैनिकों के नाम हैं।