नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण (Pollution) से हाल बेहाल हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई हो रही है। 17 नवंबर को शीर्ष कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि जिम्मेदारी (Responsibility) भी कोई चीज होती है, हर बात के लिए न्यायिक ऑर्डर (Judicial Order) नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि आप (सरकार) प्रदूषण के लिए गाड़ियों को जिम्मेदार बताती है, लेकिन सड़कों पर महंगी कारें, धुआं उगलने वाले वाहन दौड़ रहे हैं, इन्हें कौन रोकेगा? चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना ने कहा कि बीते दस दिन में दिल्ली में पटाखे फोड़ने की वजह बताएं।
केंद्र का तर्क, कोर्ट की फटकार
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने तर्क दिया कि मौसम विभाग का कहना है कि 21 नवंबर के बाद मौसम बदलते ही स्थिति में सुधार आने की संभावना है। हवा चलने लगेगी। अभी कई पाबंदियां लगाई गई हैं। क्या कोर्ट कोई सख्ती दिखाने से पहले 21 तारीख तक इंतजार कर सकता है। इस पर भड़कते हुए कोर्ट ने कहा, प्रदूषण पर हम मौसम बदलने का इंतजार नहीं कर सकते। सरकार को प्लान बताना चाहिए कि प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए आप क्या कर रहे हैं।