DELHI. महाराष्ट्र इन दिनों सियासी संकट से गुजर रहा है। इसको लेकर उद्धव ठाकरे की अगुआई वाले गुट और एकनाथ शिंदे खेमे की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को बड़ी पीठ के पास भेजने का निर्णय लिया है। साथ ही दोनों गुटों को कहा गया है कि वो अगले बुधवार यानि 27 जुलाई तक अपने-अपने मुद्दों को लेकर रिपोर्ट दायर करें।
सुनवाई के दौरान उद्धव गुट की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर शिंदे की याचिका सुनी गई, तो एक चुनी हुई सरकार को गिराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है तो नई सरकार का शपथ नहीं लेनी थी। इस दलील पर एकनाथ शिंदे गुट की ओर से हरीश साल्वे ने कहा कि, लोकतंत्र में लोग इकट्ठा हो सकते हैं और प्रधानमंत्री से कह सकते हैं कि सॉरी, अब आप PM नहीं रह सकते। साल्वे ने यह भी कहा कि जो लीडर 20 विधायकों का समर्थन भी हासिल नहीं कर सका, वो मुख्यमंत्री कैसे रह सकता है?
वहीं राज्यपाल की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कोई पार्टी किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन में होती है और फिर चुनाव बाद पाला बदल लेती है, लेकिन लोग तो उस गठबंधन के लिए वोट करते हैं। उन्होंने कहा कि अब कुछ नेताओं को लगता है कि वो मतदाताओं का सामना नहीं कर सकते, इसीलिए उन्होंने ये निर्णय लिया। जबकि कपिल सिब्बल ने एक दिन की भी देरी को खतरनाक बताते हुए कहा कि ऐसी सरकारें एक दिन भी सत्ता में नहीं रहनी चाहिए।