New Delhi. 2023 में पांच राज्यों में विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। नए मतदाताओं के मामले में एक बड़ी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि आधार नंबर के बिना भी लोग मतदाता बन सकते हैं। मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने वाले फार्म में वयस्क नागरिकों को आधार कार्ड या नंबर अनिवार्य रूप से नहीं भरना होता। ऐसे में अब बिना आधार कार्ड के भी मतदान पत्र बन सकेंगे।
ई-रोल में पंजीकरण को लेकर आयोग ने दी जानकारी
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मतदाता पंजीकरण के फॉर्म 6 और 6बी के कॉलम में मतदाता के रूप में पहचान निश्चित करने के लिए ही आधार नंबर की जानकारी मांगी जाती है। ऐसा नहीं है कि इसके बगैर मतदाता पहचान पत्र बनता ही नहीं। आयोग फॉर्म 6 और 6बी (ई-रोल में पंजीकरण के लिए) में उचित स्पष्टीकरण परिवर्तन जारी करेगा, जिसमें नए मतदाता सूची प्रमाणीकरण के उद्देश्य से आधार संख्या का विवरण आवश्यक है।
आधार संख्या जमा करना अनिवार्य नहीं
चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने सु्प्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को यह भी बताया कि मतदाताओं के पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत आधार संख्या जमा करना अनिवार्य नहीं है। ई-रोल में पंजीकरण के लिए ईसीआई फॉर्म के फॉर्म 6 (नए मतदाताओं के लिए आवेदन पत्र) और फॉर्म 6 बी (मतदाता सूची प्रमाणीकरण के उद्देश्य से आधार संख्या की जानकारी का पत्र) के मुद्दों को इंगित करने वाली एक याचिका में यह अंडरटेकिंग दी गई।
आधार नंबर का उल्लेख करना पहले भी नहीं था अनिवार्य
चुनाव आयोग के वकील अमित शर्मा ने कहा कि नियम 26 के तहत आधार नंबर का उल्लेख करना पहले भी अनिवार्य नहीं था। वरिष्ठ वकील सुकुमार पटजोशी और वकील अमित शर्मा ने कहा कि फिलहाल 66 करोड़ 23 लाख आधार अपलोड हो चुके है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जी निरंजन की याचिका पर यह कदम उठाया गया है। इससे देश के नए मतदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी।